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High Court notice to SP and these officers including Collector Rewa: प्रदेश के रीवा जिले का बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में एक नया मोड़ सामने आया है, वर्ष 2022-23 में शराब दुकान ठेका पाने के लिए नौ लोगों ने ऐसा जुगाड़ भिड़ाया था कि अब यह जुगाड़ जिले के अधिकारियों के लिए गले का फांस बन गया है.
दरअसल जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि शराब ठेका पाने के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मोरवा सिंगरौली द्वारा फर्जी तरीके से परफॉर्मेंस गारंटी दी गई थी शिकायत के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई. अब इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने रीवा जिले के कलेक्टर, एसपी, कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव, ईओडब्ल्यू एसपी, आबकारी आयुक्त को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.
दरअसल फर्जी परफॉर्मेंस गारंटी से जुड़ा है मामला रीवा निवासी अधिवक्ता व्ही के माला द्वारा अपने अधिवक्ता अमित सिंह के माध्यम से जनहित याचिका लगाई गई थी उन्होंने कहा था कि रीवा में नौ लोगों के द्वारा संयुक्त शराब ठेका पाने के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मोरवा सिंगरौली के अधिकारियों के माध्यम से फर्जी बैंक गारंटी लगाई गई थी. शराब ठेका पाने के लिए बिना किसी मार्जिन मनी जमा के ही 15 करोड रुपए की गारंटी बनवाई गई थी.
अधिवक्ता ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए बताया कि आरबीआई द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार शेड्यूल्ड बैंक जैसे नेशनलाइज्ड और रीजनल बैंक आदि को परफॉर्मेंस गारंटी देने का अधिकार है कोऑपरेटिव बैंकों को इसका अधिकार नही है. इस पूरे मामले की शिकायत के बाद जांच हुई और बैंक ने स्वीकार किया कि फर्जी तरीके से बैंक गारंटी जारी की गई है. लेकिन अब तक इसमें कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है. जिसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. जिसके बाद उच्च न्यायालय ने रीवा जिले के कलेक्टर, एसपी, कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव, ईओडब्ल्यू एसपी, आबकारी आयुक्त को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.