रीवा। गांवों के विकास के नाम पर जिले की 15 पंचायतों को 80 लाख का फर्जीवाड़ा हुआ है। वैसे तो जिले की सभी 820 पंचायतों में यही हाल है। लेकिन जिन पंचायतों में लोग सजग हैं। वहां विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की और करोड़ों का भ्रष्टाचार सामने आया है। पिछले दो तीन सालों में जिले में लगभग भ्रष्टाचार के 4 से 5 सैकड़ा प्रकरण दर्ज किए गए और 3-4 करोड़ की वसूली भी हो चुकी है। बावजूद इसके पांच साल बाद हर पंचायत में नया सरपंच आ जाता है और नये भ्रष्टाचार की कथा लिखने लग जाता है।
ऐसे ही 15 पंचायतों भ्रष्टाचार की शिकायत और उसके बाद करायी गई जांच में 80 लाख का फर्जीवाड़ा सामने आया है। सीईओ जिला पंचायत सौरभ संजय सोनवड़े द्वारा मप्र पंचायत अधिनियम की धारा 89 के तहत सुनवाई हेतु संबंधितों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है। श्री सोनवड़े ने इस बार जांच अधिकारियों व उन इंजीनियरों को भी सुनवाई में तलब किया है जिनके निर्देश पर काम हुआ और उनकी रिपोर्ट पर राशि का भुगतान हुआ।
इन पंचायतों के सरपंचों व सचिवों को किया गया तलब
जिन 15 पंचायतों में 80 लाख से अधिक के फर्जीवाड़े की सुनवाई होनी है उन पंचायतों के पूर्व सरपंच, वर्तमान सरपंच, पूर्व सचिव, वर्तमान सचिव, रोजगार सहायक व तत्समय पदस्थ इंजीनियरों को नोटिस जारी कर सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा गया है उनमें गंगेव जनपद के बांस पंचायत, सेदहा पंचायत, हनुमना जनपद की सलैया खास, राजाधौ, लोढ़ी, चंदेह, टटिहरा, सरदमन, मऊगंज की भांटी सेंगर, एवं रायपुर कर्चुलियान की उमरिहा, उकठा कंचनपुर, त्योंथर जनपद की फरहदी, नेगुरा, कटरा पंचायत शामिल हैं।
इनमें मुख्य रूप से गौशाला निर्माण, वृक्षारोपण, पीसीसी रोड, अमृत सरोवर, सामुदायिक स्वच्छता परिसर, सुदूर सड़क, रपटा निर्माण सहित अन्य कार्य शामिल हैं। इनमें कई पुराने सरपंच तो कुछ नए सरपंच है। किसी पंचायत में नए पुराने दोनो सरपंचा शामिल हैं। इसी प्रकार पुराने पंचायत सचिव व नए पंचायत सचिव शामिल हैं। कुछ जीआरएस को बुलाया गया है। इसके साथ ही शिकायत कर्ताओं को बुलाया गया है।