Even after the names were made public, there was no impact on the big defaulters, after coming to the corporation, after reading their names, they smile and lie down:रीवा। नगर निगम कार्यालय में संपत्तिकर के बड़े बकायादारों की होर्डिंग पिछले लगभग तीन माह से लगी हुई है। शहर के विभिन्न चौराहों पर लगाई गई होर्डिंगें तो लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद हटा ली गई थीं, लेकिन नगर निगम कार्यालय परिसर में लगी होर्डिंग को यथावत रखा गया है। इसके बावजूद किसी भी बड़े बकायादार ने अपना संपत्तिकर जमा नहीं किया है।
सूत्रों से हासिल जानकारी के मुताबिक नगर निगम द्वारा अब 25 हजार रुपये से अधिक के बकायादारों की सूची भी सार्वजनिक करने की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि नगर निगम में 42 करोड़ रुपये का संपत्तिकर बकाया है जिसकी वसूली के लिए निगमायुक्त के आदेश पर बकायादारों के नाम सार्वजनिक किया गया। इसे एक लाख रुपये से अधिक के 41 बकायादार हैं जिन्होंने लंबे समय से अपना संपत्तिकर नही जमा किया है। इसके अलावा 50हजार रुपये से अधिक के 350 बकायादार हैं। इन सभी बकायादारों की होर्डिंग मार्च के प्रथम सप्ताह में लोकसभा चुनाव की अधिसूचा जारी के पूर्व शहर भर में लगाई गई थी।
चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद शहर की होर्डिंग तो हटा ली गईं लेकिन नगर निगम कार्यालय में होर्डिंग को यथावत रखा गया है। बावजूद इसके बेशर्मी की हद पार करते हुए किसी भी बकायादार ने संपत्तिकर जमा नहीं किया। बकायादारों की सूची में दर्ज जिन एकाध बकायादारों ने संपत्तिकर जमा कर दिया है उनका नाम मिटवा दिया गया है। नगर निगम कार्यालय आने वाले लोग खाली समय में बकायादारों की सूची बड़े ध्यान से देखते हैं और सूची में नुक्स निकालते हुए कहते हैं कि इन नामों के साथ पते भी होते तो और भी अच्छा होता।
वित्तीय वर्ष के आखिरी माह में संपत्तिकर नहीं चुकाने वाले बड़े बकायादारों की सूची तैयार कर उसकी होर्डिंग शहर के चौराहों पर लगाई गई थी। नगर निगम के इतिहास में ऐसा पहली हुआ है जब शहर में संपत्तिकर के बकायादारों की सूची चौराहों पर लगाई गईं। शहर के लोगों के लिए यह नया अनुभव था, लेकिन इसके बाद भी बकायादारों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। बकायादारों से संपत्तिकर वसूली के लिए नगर निगम प्रशासन को अब नये सिरे से कदम उठाने होंगे।