Due to negligence of government and administration, son of martyr of Rewa committed suicide:रीवा। सुशासन का तमगा लहराने वाली सरकार शहीद सैनिकों के परिवारजनों का सम्मान तक नहीं कर पा रही है। शासन प्रशासन की अनदेखी से खफा शहीद के पुत्र अभिषेक शुक्ला उम्र 20 वर्ष ने आत्महत्या कर ली। परिवार पर इस तरह कुठाराघात होने से अब शहीद की पत्नी व पुत्री पूरी तरह बेसहारा हो गईं। फिर भी उन्हें अनुकम्पा नियुक्ति अब तक सरकार नहीं दे पाई है। मामले को लेकर पुनः शहीद की पत्नी ने प्रधानमंत्री के नाम रीवा सम्भागायुक्त को पत्र सौंपा हैं।
पत्र में शहीद उमेश शुक्ला की पत्नी सरोज शुक्ला, पुत्री ज्योति शुक्ला ने बताया कि सिरमौर क्योंटी निवासी उमेश प्रसाद शुक्ला दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ में पदस्थ रहे, जहां नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान 9 फरवरी 2006 को वह शहीद हो गए। शहीद की पत्नी व पुत्री ने बताया कि उनकी शहादत के बाद आज तक सरकार ने परिवार कोविशेष बीमा की राशि, सहायता राशि व अनुकम्पा नियुक्ति समेत अन्य सुविधाएं नहीं दी। इधर, मुखिया न होने के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति आये दिन खराब होती जा रही है।
पुत्री की शादी करनी है लेकिन आर्थिक तंगी के कारण शादी नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि मप्र उच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 17525 में 22 अगस्त 2022 को ऐसे ही प्रकरणों में अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई परंतु उमेश की शहादत पर उनके परिवार के किसी सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिली। जबकि लोकसेवक की सामान्य मृत्यु पर भी अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान है।
बताया गया वर्ष 2014 से 200 बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई गई, तब भी कोई कार्यवाही शासन द्वारा नहीं की गई। इसके अलावा, कई बार शासन-प्रशासन को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया गया परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे ही प्रकरणों में दो लोगों को अनुकम्पा नियुक्ति मिलने की जानकारी दी गई, इसी तरह शहीद की पत्नी ने भी अनुकम्पा नियुक्ति की मांग सरकार के समक्ष रखी है।