Donated his mother’s eyes to brighten the lives of others: किसी को हम दे सकते हैं तो कुछ रुपए पैसे, घर, जमीन, वाहन। लेकिन यदि किसी को देखने की क्षमता ही न हो तो उसके लिए क्या मायने। ऐसे लोगों के जीवन को रोशन करने का काम खुशी फांउेडेशन कर रहा है। अब तक फाउंडेशन द्वारा 109 लोगों से आखें दान करा चुका है। इतना ही नेत्रहीनों को रोशनी मिले इसके लिए महेश ठारवानी ने अपने मां की आखें दान कर दी। भले ही वह दुनियां से विदा हो गई लेकिन उनकीं आखें अभी इस संसार को देखती रहेंगी।
वह व्यक्ति जिसे आखें लगेंगी अपने जीवन का नया सवेरा देखेगा। दरअसल पिछले दिनो महेश चंद ठारवानी की माता रमा देवी ठारवानी पत्नी स्व. लाल चंद ठारवानी का निधन हो गया। मरणोपरांत परिजनों ने अपने माता जी द्वारा लिए गए नेत्रदान के संकल्प को पूर्ण कराया। यह सब स्व. रमादेवी ठारवानी के पुत्र महेश ठारवानी ने अपनी माता जी के नेत्रदान के संकल्प को पूर्ण कराने हेतु इसकी जानकारी नेत्रदान के लिए कार्य कर रही संस्था खुशी फाउंडेशन को दी।
खुशी फाउंडेशन ने उक्त जानकारी नेत्र विभाग के विभागध्यक्ष डॉ पंकज चौधरी को दी। तत्पश्चात संजय गांधी अस्पताल के नेत्र विभाग से डाक्टरों की टीम ने महेश ठारवानी के घर पहुंच कर नेत्रदान का कार्य पूर्ण कराया। खुशी फाउंडेशन के सहयोग से यह 109 वां नेत्रदान है। नेत्रदान जैसे पुनीत कार्य में सहयोग के लिए खुशी फाउंडेशन ने नेत्रदाता परिवार के प्रति आभार प्रकट किया है।