Contractor built this road of Rewa by taking loan from market, forced to commit suicide:रीवा.बदवार तमरा सीतापुर मार्ग के मजबूतीकरण का काम पीडब्लूडी ने अजय कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था। 6 महीने में काम पूरा करना था। कंपनी ने तय दर से 16.47 फीसदी कम में ठेका लिया था। 6 माह में काम पूरा करना था। ठेकेदार ने काम करने के बाद 138 लाख का बिल लगाया था। इसमें से 74 लाख का भुगतान विभाग ने कर दिया। शेष राशि का भुगतान नहीं किया गया। बाद में यह काम एमपीआरडीसी को स्थानांतरण हो गया। मुख्य अभियंता पीडब्लूडी ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अनुबंध समाप्त करने का आदेश देते हुए कार्यपालन अभियंता को शेष राशि 49 लाख का भुगतान ठेकेदार को करने का आदेश दिया लेकिन आज तक भुगतान नहीं किया गया। ठेकेदार अब कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर है।
पीडब्लूडी विभाग में पदस्थ अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण ठेकेदारों को आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सब इंजीनियर प्रभारी एसडीओ ओमकार मिश्रा बड़वार तमरा सीतापुर रोड का बिल 49 लाख 80260 रुपए का बिल बनाकर मेजरमेंट बुक एवं मेजरमेंट बिल के पन्ने फाड़कर दूसरे पन्ने चिपकाकर अधीक्षण यंत्री से लेकर मुख्य अभियंता रीवा जोन रीवा एवं प्रमुख अभियंता भोपाल प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग तक को गुमराह कर रहे हैं। 5 साल तक पूरे डिपार्टमेंट को गुमराह करते आए। जबकि लोक निर्माण विभाग उप संभाग क्रमांक 1 रीवा अनुविभागीय अधिकारी कमलाकांत गर्ग अपने पत्र क्रमांक 1609 एवं लोक निर्माण विभाग कार्यपालन यंत्री अपने पत्र क्रमांक 7426 नरेंद्र शर्मा के द्वारा अनुबंध क्रमांक 57/ डेल 2016-17 के आदेश में स्पष्ट लेख है कि अजय कंस्ट्रक्शन कंपनी को 49 लाख 80 हजार 260 रुपए किया जाना शेष है। दिनांक 11 फरवरी 2019 पृष्ठ क्रमांक 1610 एवं पृष्ठ क्रमांक 7427 को अनुबंध की धारा 27.4 के तहत बंद करने के लिए अनुशंसा सहित मुख्य अभियंता प्रेषित किया गया था।
जिनकी अनुशंसा को मानते हुए मुख्य अभियंता द्वारा धारा 27.4 के तहत अनुबंध को समाप्त करते हुए अपने पत्र क्रमांक 5524/पीडब्लूडी-1-81/2015 दिनांक 22 फरवरी 2019 को लेख कर निर्देशित किया गया था की अजय कंस्ट्रक्शन कंपनी का 49 लाख 80 हजार 260 रुपए का भुगतान 90 दिवस के अंदर उसके सभी लंबित देयकों का भुगतान कर प्रतिवेदन से अवगत कराएं। 5 साल से ऊपर हो गया है अभी तक संविदाकार का भुगतान नहीं किया गया है। विभाग कुंभकर्णी नींद सो रहा है। संविदाकार उप यंत्री अनुविभागीय अधिकारी, कार्यपालन यंत्री, मुख्य अभियंता को पत्र लिखते लिखते थक चुका है। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। संविदाकार का आज तक भुगतान नहीं किया गया हैं।
ठेकेदार को कर्जदार परेशान कर रहे
बदवार तमरा सीतापुर मार्ग के सुदृढ़ीकरण का काम करने के लिए ठेकेदार अजय मिश्रा ने बाजार से कर्ज लिया था। सामान भी कर्ज में उठाया था लेकिन विभाग ने भुगतान नहीं किया। इसके कारण अब उस पर बाजार के डीलर भुगतान के लिए दबाव बना रहे हैं। अजय कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक ने पीडब्लूडी के अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया है कि यदि एक सप्ताह के अंदर उनका 49 लाख 80 हजार 260 रुपए का भुगतान नहीं किया गया तो वह आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। उपयंत्री ओंकारनाथ मिश्रा सहित अन्य विभागीय अधिकारियों पर ठेकेदार ने इस लापरवाही का ठीकरा फोड़ा है।
यह था पूरा मामला
बदवार-तमरा- सीतापुर मार्गों का मजबूतीकरण के लिए 2.6 किमी उन्नयन कार्य किया जाना था। इसकी प्रशासकीय स्वीकृति 185.23 लाख रुपए थी। मार्ग का अनुबंध अजय कंस्ट्रक्शन कंपनी से किया गया था। कंपनी ने 16.47 फीसदी कम में काम लिया था। 6 महीने में काम पूरा करना था। वर्षा काल सहित 11 जनवरी 2017 तक काम पूरा करने का जिम्मा दिया गया था। ठेकेदार ने 7 नग पुलिया निर्माण कार्य और सवग्रेड में सीआरएम, रेटेनिंग वाल सहित काम 17 अप्रैल 2017 तक पूरा कर लिया था। 29 मई 2017 को तत्काली मुख्य अभियंता ने निरीक्ष्ज्ञण भी किया थ। जुलाई अगस्त 2016-17 में अधिक वर्षा के कारण पुल पलियों में मिट्टी कटाव हो गया था। इससे पुलियों पर वियरिंग कोर्ट एवं रिटेनिंग स्ट्रक्चर के सुधार के निर्देश किया गया था।
इस कार्य में 74 लाख 24 हजार985 रुपए का भुगतान विभाग ने कर दिया था। शेष राशि का भुगतान होना शेष था। पहाड़ी एरिया होने के कारण सड़क के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति हर समय बनी रहती है। ऐसे में इस सड़क के निर्माण का पुनरीक्षित प्रस्ताव प्रमुख अभियंता को भेजा गया। 507.35 लाख निविदा दर घटनाकर पुनरीक्षित लागत रुपए 423.79 लाख का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा गया। इसकी स्वीकृति नहीं मिली। बाद में एमपीआरडीसी को इस सड़क की स्वीकृति मिल गई। ऐसे में पुनरीक्षित लागत के वृद्धि का औचित्य नहीं रह गया था। ऐसे में पुराने अनुबंध को समाप्त कर शेष राशि का भुगतान करने की अपील ठेकेदार ने की थी। मुख्य अभियंता ने भुगतान के निर्देश भी दे दिए थे लेकिन ओमकारनाथ मिश्रा ने अब तक नहीं किया।