सीधी.संसदीय क्षेत्र सीधी-11 का निर्वाचन त्रिकोंणीय होने के आसार बन रहे हैं। लोकसभा क्षेत्र सीधी में कुल 20 लाख 24 हजार 176 मतदाता हैं। इनमें पुरुष मतदाता 10 लाख 49 हजार 352 एवं महिला मतदाता 9 लाख 74 हजार 810 हैं। आरक्षण की सूची से 2009 में हटने के पश्चात सीधी की सीट सामान्य होने के बाद से ही चुनावी समीकरण भी बदल गए हैं। आरक्षित सीट खत्म होने के बाद लोकसभा क्षेत्र सीधी भाजपा का अभेद्य किला बना हुआ है। वर्तमान चुनाव में प्रत्याशियों के वास्तविक स्थिति नामांकन पत्र वापसी के बाद ही नजर आएगी। फिर भी अभी तक की स्थितियों से आभाष हो रहा है कि लोकसभा सीधी का चुनाव भाजपा-कांग्रेस एवं गोंणवाना गणतंत्र पार्टी के मुकाबले में ही रहेगा। भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रत्याशी डॉ. राजेश मिश्रा हैं। इनके चुनाव प्रचार में मोदी का सहारा सबसे ज्यादा मजबूत फैक्टर माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल के चुनाव प्रचार में लोकतंत्र की रक्षा का मुद्दा सबसे ज्यादा हावी रहने वाला है। वहीं गोंणवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी अजय प्रताप ङ्क्षसह को लोकसभा चुनाव में आदिवासी वोटों का बंपर फायदा होने के आसार बन रहे हैं। राजनैतिक जानकारों का कहना है कि वर्तमान में पूरे देश में भाजपा प्रत्याशियों को सबसे बड़ा सहारा मोदी ही हैं।
वहीं कांगे्रस प्रत्याशियों को राहुल गांधी द्वारा लोकतंत्र की रक्षा को लेकर भारत जोड़ो आंदोलन एवं न्याय यात्रा से बड़ा संबल मिलने की आस है। चुनाव प्रचार के दौरान सीधी संसदीय क्षेत्र में भी अभी तक के जन संपर्क अभियान के दौरान यही सबकुछ नजर आ रहा है। भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों का जन संपर्क अभियान चल रहा है। दोनो ही प्रत्याशी जन संपर्क के दौरान अपने पक्ष में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रिझाने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा की ओर से मोदी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के उपलब्धियों का बखान किया जा रहा है। तो कांग्रेस की ओर से जन समस्याओं पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। बड़ी जन समस्याओं में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा माना जा रहा है। जिससे अधिकांश लोग प्रभावित हैं। युवा वर्ग में रोजगार न मिलने को लेकर काफी असंतोष देखा जा रहा है। सरकारी नौकरियां जिस अनुपात में निकाली जा रही हैं उसे केवल रेवड़ी बांटना ही माना जा रहा है। कांग्रेस की ओर से इसे लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी की जा रही है।
भाजपा की ओर से राम मंदिर, देश की मजबूत होती अर्थव्यवस्था, भारत की पूरे विश्व में बढ़ती साख, जन कल्याणकारी योजनाओं से लाभार्थियों की गांव-गांव में बढ़ी संख्या को ही उठाया जा रहा है। जिससे उसके पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मतदाता लामबंद हों। गोंणवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह की छवि लोगों के बीच स्वच्छ एवं साफ सुथरे नेता की है। उनके द्वारा भाजपा में संगठन की मजबूती के लिए जमीनी स्तर पर तीन दशक के ज्यादा समय तक काम किया गया है। साथ ही जन समस्याओं को लेकर भी वह लगातार मुखर रहे हैं। उनके लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरने से भाजपा-कांग्रेस दोनों की मुश्किलें बढऩे वाली हैं। सीधी संसदीय क्षेत्र में आदिवासी वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसी वजह से यह माना जा रहा है कि आदिवासियों का साथ चुनाव में गोंगपा प्रत्याशी को मिलेगा।
अब तक ये हो चुकेे निर्वाचित
– 1952 भगवानदत्त शास्त्री, सोशलिस्ट पार्टी
– 1955 उप निर्वाचन मानचंद्र जोशी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
– 1962 आनंद चंद्र जोशी, कांग्रेस
– 1967 भानू प्रकाश सिंह, कांग्रेस
– 1971 रणबहादुर सिंह, निर्दलीय
– 1977 सूर्यनारायण सिंह, भारतीय लोकदल
– 1977 उप निर्वाचन रविनंदन ङ्क्षसह, जनता पार्टी
– 1980 मोतीलाल सिंह, इंडियन नेशनल कांग्रेस आई
– 1984 मोतीलाल सिंह, इंडियन नेशनल कांग्रेस आई
– 1989 जगन्नाथ सिंह, भाजपा
– 1991 मोतीलाल सिंह, इंडियन नेशनल कांग्रेस
– 1996 तिलकराज सिंह, अखिल भारतीय कांग्रेस तिवारी
– 1998 जगन्नाथ सिंह, भाजपा
– 1999 चंद्रप्रताप सिंह, भाजपा
– 2004 चंद्रप्रताप ङ्क्षसह, भाजपा
– 2007 मानिक सिंह, इंडियन नेशनल कांग्रेस
– 2009 गोविंद मिश्रा, भाजपा
– 2014 रीती पाठक, भाजपा
– 2019 रीती पाठक, भाजपा