रीवा । प्रदेश का रीवा एक ऐसा जिला है जहां के जनप्रतिनिधि विकास कार्यो व मुद्दो की बात पर चर्चा…
Browsing: Vindhya
रीवा। 31 दिसबंर की रात शहर में अनहोनी घटना को रोकने के लिए पुलिस गस्त कर ही थी। वहीं दूसरी…
रीवा। 31 दिसबंर की रात शहर में अनहोनी घटना को रोकने के लिए पुलिस गस्त कर ही थी। वहीं दूसरी…
रीवा। पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के पिता वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय भैयालाल शुक्ल स्मृति टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेंट के छटवें सत्र…
रीवा। पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के पिता वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय भैयालाल शुक्ल स्मृति टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेंट के छटवें सत्र…
रीवा। जिले की महिलाओं व बालिकाओं को विशेष प्रतिशक्षण खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण को…
रीवा। जिले की महिलाओं व बालिकाओं को विशेष प्रतिशक्षण खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण को…
पांच दिवसीय असाइनमेंट कार्यशाला का तृतीय दिवसरीवा- शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा के समाज कार्य विभाग में प्राचार्य डॉ अर्पिता अवस्थी के निर्देशन पर पांच दिवसीय असाइनमेंट प्रस्तुतीकरण कार्यशाला के तृतीय दिवस में मानव व्यवहार एवं व्यक्तित्व निर्माण विषय पर छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति दी। कार्यशाला का संयोजन प्रोफेसर अखिलेश शुक्ल के द्वारा किया गया।प्रोफेसर अखिलेश शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि छात्र किसी भी देश का भविष्य होता है और इस भविष्य का निर्माण करने में शिक्षक की अति महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक छात्रों को अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करता है। छात्रों को नैतिक सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से गढ़ने में उसका योगदान एक शिल्पकार की तरह होता है। एक शिक्षक ही छात्रों को अपनी ज्ञान रुपी गंगा में स्नान करा कर अच्छा नागरिक बनाने की दिशा में प्रयास करता है। प्रत्येक शिक्षक को अपने छात्रों की योग्यता क्षमता रूचि अभिरूचि आदि के अनुसार उसके व्यक्तित्व निर्माण का प्रयास करना चाहिए ताकि छात्र भविष्य में सफलता प्राप्त कर सके। व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों में वंशानुक्रम सामाजिक वातावरण परिवार सांस्कृतिक धार्मिक वातावरण संवेगात्मक विकास मानसिक योग्यता और रुचि का प्रभाव आदि महत्वपूर्ण है। हर छात्र का अपना-अपना व्यक्तित्व होता है और वही उसकी पहचान होती है इसलिए हमें अपने छात्रों को मानव व्यवहार की मूलभूत अवधारणा से अवगत कराना चाहिए ताकि वह एक अच्छे नागरिक और एक अच्छे इंसान बन सके।छात्रों ने नुक्कड़ नाटक कर स्वच्छता का दिया संदेश कार्यशाला में एमएसडब्ल्यू प्रथम सेमेस्टर के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति देते हुए लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया।शहर में सभी लोग स्वच्छता के साथ रहे सब लोग साफ सुथरे रहें। स्वच्छता के साथ-साथ देशव्यापी महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए भी नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया गया। कार्यशाला का संचालन डॉ गुंजन सिंह एवं डॉ शिव बिहारी कुशवाहा के द्वारा किया गया तथा आभार प्रदर्शन प्रो प्रियंका तिवारी के द्वारा किया गया। एमएसडब्ल्यू प्रथम सेमेस्टर के छात्र आशीष कुमार पांडे दीप्ति तिवारी आंचल मिश्रा अक्षरा हेबन्सु शुक्ला एकता सिंह रश्मि तिवारी अभिलाषा अंजली गुप्ता अनामिका तिवारी अमरेश तिवारी अभ्यासनी पांडे आदि ने मानव व्यवहार एवं व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं जैसे मानव व्यवहार निर्माण प्रत्यक्षीकरण स्मृति अभिप्ररेणा बुद्वि कुंन्ठा तनाव व्यक्तित्व सामान्य एवं असमान्य व्यवहार व्यक्तित्व परीक्षण आदि विषयों पर असाइनमेंट का प्रस्तुतीकरण किया गया। तृतीय दिवस के अतिंम सत्र में प्रश्न उत्तर किये गए और उनका समाधान किया गया।
पांच दिवसीय असाइनमेंट कार्यशाला का तृतीय दिवसरीवा- शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा के समाज कार्य विभाग में प्राचार्य डॉ अर्पिता अवस्थी के निर्देशन पर पांच दिवसीय असाइनमेंट प्रस्तुतीकरण कार्यशाला के तृतीय दिवस में मानव व्यवहार एवं व्यक्तित्व निर्माण विषय पर छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति दी। कार्यशाला का संयोजन प्रोफेसर अखिलेश शुक्ल के द्वारा किया गया।प्रोफेसर अखिलेश शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि छात्र किसी भी देश का भविष्य होता है और इस भविष्य का निर्माण करने में शिक्षक की अति महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक छात्रों को अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करता है। छात्रों को नैतिक सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से गढ़ने में उसका योगदान एक शिल्पकार की तरह होता है। एक शिक्षक ही छात्रों को अपनी ज्ञान रुपी गंगा में स्नान करा कर अच्छा नागरिक बनाने की दिशा में प्रयास करता है। प्रत्येक शिक्षक को अपने छात्रों की योग्यता क्षमता रूचि अभिरूचि आदि के अनुसार उसके व्यक्तित्व निर्माण का प्रयास करना चाहिए ताकि छात्र भविष्य में सफलता प्राप्त कर सके। व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों में वंशानुक्रम सामाजिक वातावरण परिवार सांस्कृतिक धार्मिक वातावरण संवेगात्मक विकास मानसिक योग्यता और रुचि का प्रभाव आदि महत्वपूर्ण है। हर छात्र का अपना-अपना व्यक्तित्व होता है और वही उसकी पहचान होती है इसलिए हमें अपने छात्रों को मानव व्यवहार की मूलभूत अवधारणा से अवगत कराना चाहिए ताकि वह एक अच्छे नागरिक और एक अच्छे इंसान बन सके।छात्रों ने नुक्कड़ नाटक कर स्वच्छता का दिया संदेश कार्यशाला में एमएसडब्ल्यू प्रथम सेमेस्टर के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति देते हुए लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया।शहर में सभी लोग स्वच्छता के साथ रहे सब लोग साफ सुथरे रहें। स्वच्छता के साथ-साथ देशव्यापी महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए भी नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया गया। कार्यशाला का संचालन डॉ गुंजन सिंह एवं डॉ शिव बिहारी कुशवाहा के द्वारा किया गया तथा आभार प्रदर्शन प्रो प्रियंका तिवारी के द्वारा किया गया। एमएसडब्ल्यू प्रथम सेमेस्टर के छात्र आशीष कुमार पांडे दीप्ति तिवारी आंचल मिश्रा अक्षरा हेबन्सु शुक्ला एकता सिंह रश्मि तिवारी अभिलाषा अंजली गुप्ता अनामिका तिवारी अमरेश तिवारी अभ्यासनी पांडे आदि ने मानव व्यवहार एवं व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं जैसे मानव व्यवहार निर्माण प्रत्यक्षीकरण स्मृति अभिप्ररेणा बुद्वि कुंन्ठा तनाव व्यक्तित्व सामान्य एवं असमान्य व्यवहार व्यक्तित्व परीक्षण आदि विषयों पर असाइनमेंट का प्रस्तुतीकरण किया गया। तृतीय दिवस के अतिंम सत्र में प्रश्न उत्तर किये गए और उनका समाधान किया गया।
रीवा। वैसे तो रीवा नगर निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा ही चर्चा में रहता है लेकिन हाल ही…