रीवा। अब अवैध कालोनी में घर बनाना महंगा पड़ेगा। बिजली कनेक्शन नहीं मिलेगा। यदि बिजली कनेक्शन लेना भी होगा तो कई गुना ज्यादा शुल्क चुकाना पड़ेगा। सिर्फ 500 स्क्वेयर फीट के लिए बिजली विभाग को 34 हजार देने होंगे। इसके अलावा जैसे जैसे प्लाट का साइज बढ़ेगा शुल्क भी बढ़ता जाएगा। विद्युत विभाग ने कनेक्शन देने के पहले नगर निगम का परमिशन मांगना शुरू कर दिया है। रीवा में अवैध कालोनियों की भरमार है। इन अवैध कालोनियों में धड़ल्ले से मकान और दुकानें बन रही हैं। इन्हें विद्युत विभाग से अब तक बिना रोक टोक के बिजली के कनेक्शन भी जारी हो रहे थे, लेकिन अब विभाग ने इन अवैध कालोनियों में बसने वालों के कनेक्शन पर रोक लगा दी है। स्थाई कनेक्शन जारी नहीं किए जा रहे हैं। अस्थाई कनेक्शन ही दिए जाते हैं। स्थाई कनेक्शन लेने के लिए विद्युत विभाग ने अब फीस का नया स्लैब तय कर दिया है। स्थाई कनेक्शन लेने वालों को अब नए नियम के तहत भारी भरकम राशि चुकानी पड़ेगी। इसके बाद ही घरों में स्थाई कनेक्शन मिल पाएगा। यदि स्थाई कनेक्शन नहीं लेते हैं तो अस्थाई कनेक्शन से ही काम चलाना पड़ेगा। इतना ही नहीं विद्युत विभाग ने नगर निगम ने वैध और अवैध कालोनियों का डाटा भी जुटाना शुरू कर दिया है। ऐसे रहवासियों के लिए विद्युत विभाग ने विद्युत कनेक्शन देने की योजना शुरू की है। भूखंड क्षेत्रफल के आधार पर विद्युत अधोसंरचना शुल्क, कनेक्शन शुल्क एवं सप्लाई अफोर्डिंग चार्जेज राशि की गणना कर राशि निर्धारित कर दी गई है।
यह शुल्क है निर्धारित
घोषित अवैध कालोनी में 500 वर्गफीट क्षेत्रफल तक के गरीबी रेखा से नीचे के रहवासियों को 34 हजार 256 रुपए एकमुश्त जमा करना होगा। इसके बाद ही कनेक्शन मिल पाएगा। इसी तरह 500 वर्गफीट तक के गरीबी रेखा के ऊपर के रहवासियों को 34 हजार 322 रुपए , 500 से 100 वर्गफीट तक के लिए 51 हजार 223 रुपए, 1001 से 1500 वर्गफीट तक की जमीन वालों को 71 हजार 188 रुपए और 1501 से 2 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल वाले लोगों को 88 हजार 875 रुपए का भुगतान करना होगा। इसके बाद ही कनेक्शन मिल पाएगा। इसके अलावा कालोनी के सामूहिक आवेदन की स्थिति में सम्पूर्ण जमा योजना अथवा सुपरविजन चार्ज योजना के तहत भी आवश्यक विद्युत अधोसंरचना विस्तार के बाद स्थाई विद्युत कनेक्शन जारी करने का प्रावधान रखा गया है।
अवैध कालोनी की है भरमार
रीवा में करीब 125 के आसपास ही वैध कालोनियां हैं। इनमें वैध कालोनियों हाउसिंग बोर्ड, निजी बिल्डर, कालोनाइजर के अलावा अल्यआयवर्ग सोसायटी और सुधार न्यास की बसाई कालोनियां ही वैध है। इसके अलावा रीवा में बसी सारी कालोनियां अवैध है। अब ऐसे में जिन कालोनियों में विद्युत विभाग ने पहले से ही स्थाई कनेक्शन दिया हुआ है। अब वहां घर बनाने वालों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
जमीन की रजिस्ट्री के साथ भवन अनुज्ञा भी मांग रहे
विद्युत विभाग ने बिजली कनेक्शन के आवेदन के साथ ही नगर निगम से जारी होने वाला भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र भी मांगना शुरू कर दिया है। अब तक सिर्फ जमीन की रजिस्ट्री से भी कनेक्शन मिल जा रहा था, लेकिन नए दस्तावेज ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। हालांकि कुछ कालोनियां विद्युत विभाग ने तय भी किए हैं। रतहरा क्षेत्र के कई गांव में बस रही कालोनियों में स्थाई कनेक्शन देना बंद कर दिया गया है। स्थाई कनेक्शन के लिए नई फीस जमा कराई जा रही है।
वर्सन…
अवैध कालोनियों में स्थाई कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए नया स्लैप जारी हुआ है। नगर निगम से अवैध कालोनियों की जानकारी मांगी गई है। अवैध कालोनियों में अब कनेक्शन नई फीस के तहत ही दिया जाएगा। जिन लोगों को स्थाई कनेक्शन नहीं मिला है वह नई निर्धारित फीस जमा कर स्थाई कनेक्शन करा सकते हंै।
एनके मिश्रा
कार्यपालन अभियंता, शहर संभाग रीवा
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