रीवा। पश्चिम मध्य रेलवे के रीवा रेलवे स्टेशन से चलने वाली रेल गाडिय़ों में लगने वाले रेल इंजनों पर भी तीसरी आंख से नजर रखी जाएगी। रेल इंजनों के अंदर सीसीटीवी कैमरे (क्रू वॉइस एवं विडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम) लगाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके माध्यम से रेल संचालन के दौरान लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट पर नजर रखी जा सकेगी। इंजन के सामने भी सीसीटीवी कैमरा लगाया जा रहा है, जिससे चलती ट्रेन के सामने आने वाले ट्रैक पर भी तीसरी आख का पहरा होगा। सीसीटीवी कैमरो से रेल इंजन लैस होने के बाद ट्रेन के आगे आने वाले अवरोध, ओएचई या सिग्नल आदि की जानकारी रेल प्रशासन को मिलती रहेगी। जो सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
दुर्घटना की जांच में होंगे सहायक
रेलवे प्रशासन से मिली जानकारी में बताया गया कि इंजन में कुल 6/8 आई पी बेस्ड डिजिटल सीसीटीवी कैमरे, 8 चैनल का एनवीआर और 4 टीबी की हार्ड डिस्क लगाया जा रहा है। कैमरों में माइक्रोफोन इनबिल्ट है जिससे वॉइस रिकॉर्डिंग भी हो सकेगी। 2/4 कैमरे इंजन की छत पर आगे और पीछे लगाए जाएंगे तथा दो कैमरे केबिन-01 और 2 कैमरे केबिन-02 में लगाए जाएंगे। ट्रेन के लोको पायलट और असिस्टेंट लोकोपायल के वीडियो और ऑडियो की रिकॉर्डिंग होगी। जो दुर्घटना होने की स्थिति में जांच में बहुत सहायक होगे। इंजन में कैमरे लगाने से ओएचई की मॉनिटरिंग, रेलवे ट्रैक सहित ड्राईवरों की सजगता की मोनिटरिंग होती रहेगी.। किसी भो अप्रिय स्थिति आपातकालीन स्थिति में यह कारण को जानने एवं सबूत के तौर पर सहायक सिद्ध होगें।
90 दिन तक सुरक्षित रहेगा डाटा
यह सीसीटीवी कैमरे आई पी बेस्ड होंगे, ताकि रिमोट मॉनिटरिंग की जा सके। इनकी रिकॉर्डिंग को सामान्यता डिलीट नहीं किया जा सकेगा। बताया गया कि वीडियो का डाटा 90 दिनों तक सुरक्षित रहेगा। यह सिस्टम माइनस 10 डिग्री से 55 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के अनुसार डिजाइन किया गया है, ताकि हर मौसम में बेहतर गुणवत्ता मिलती रहे। इसमें नाइट विजन का प्रावधान है जो कम लाइट में भी काम करेगा। जल्द ही पश्चिम मध्य रेल के लोको/इंजनों में भी यह सिस्टम लगाया जाएगा।
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