रीवा। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए इस बार जिला अस्पताल ने नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) के लिए अप्लाई किया है। शनिवार को भोपाल से राज्यस्तरीय टीम जिला अस्पताल पहुंची और मानकों के आधार पर अस्पताल का निरीक्षण किया। हालांकि अब यह टीम फाइनल सर्वे तक जिला अस्पताल में ही रहेगी और व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर तैयारी कराएगी। फाइनल सर्वे के बाद ही टीम वापस लौटेगी।
बता दें कि शनिवार को टीम ने कई विभागों के दस्तावेजों की जांच की और मरीजों से फीडबैक लिया। टीम किचन में भी गई और खाने का स्वाद लिया। इतना ही नहीं, टीम ने बाहर खाने से इनकार करते हुए सिविल सर्जन सहित अन्य स्टाफ के साथ मरीजों के लिए बने खाने को ही खाया व आदेशित किया कि जितने दिन वह रहेंगे उन्हें दोनों समय मरीजों के लिए बनने वाला खाना ही खिलाया जाए। टीम ने सख्ती के साथ अस्पताल का निरीक्षण किया। हालांकि व्यवस्थाएं मानक के अनुरूप मिल रही हंै, जिससे टीम ने जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं पर संतोष भी जाहिर किया है और जहां कमियां मिल रही हैं उनको पूरा भी कराया जा रहा है। अस्पताल के 17 विभागों में जांच की जा रही है, जिसमें मानक के अनुसार व्यवस्थाएं टीम देख रही।
इस बार आवेदन हुआ स्वीकृति
बता दें कि जिला अस्पताल ने पिछले वर्ष भी एनक्यूएएस के लिए आवेदन किया था, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। इस वर्ष बीते माह फिर आवेदन हुआ तो स्वीकृति दी गई और जांच करने टीम गुरुवार को राज्य स्तर से भेजी गई। इसके लिए 17 विभागों के लिए आवेदन किया गया है। इसमें एसएनसीयू वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, पोषण पुनर्वास केंद्र, चिल्ड्रन वार्ड, पीडियाट्रिक आइसीयू, ब्लड बैंक, मॉड्यूलर लैब, मेटरनिटी वार्ड सहित अन्य वार्ड के लिए आवेदन किया है। केवल मर्चुरी को छोड़ा गया है। टीम में डॉ. विवेक मिश्रा भोपाल से, डॉ. स्वेता उमारिया से व डॉ. शिखा जबलपुर से आए हैं।
मरीजों से की बात
टीम द्वारा अस्पताल में मरीजों के पास जाकर उनसे अस्पताल में दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की गई। उन्हें समय पर भोजन मिलता है या नहीं, इस बारे में पूछा गया। जिस प्रकार का भोजन शनिवार को दिया गया ऐसा ही भोजन दिया जाता है या नहीं, इस संबंध में भी जानकारी ली। दवाइयों की जानकारी भी मरीज से ली गई। एंबुलेंस के बारे में जानकारी ली गई कि आपको समय पर एंबुलेंस लेने आई थी या नहीं।
70 प्रतिशत अंक जरूरी
राज्यस्तरीय जांच के बाद अब केन्द्र की टीम आगामी 28, 29 व 30 नवंबर को अस्पताल आएगी, जिसमें मुख्य निरीक्षण होगा। इस निरीक्षण में यदि जिला अस्पताल मानक के अनुसार 70 प्रतिशत अंक हासिल कर लेता है तो यह सर्टिफिकेट मिलेगा। यदि सर्टिफिकेट मिलता है तो जिला अस्पताल के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि सर्टिफिकेट मिलेगा।
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यह है फायदा
एनक्यूएएस के मापदंडों के आकलन के बाद अस्पताल जब खरा उतरता है तो सर्टिफिकेट दिया जाता है। इसमें बेड के हिसाब से अस्पताल को पैसा दिया जाता है। इससे वह अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को और भी बेहतर कर सकता है। केंद्र सरकार से करीब 10 हजार रुपये प्रति बिस्तर अतिरिक्त मिलेंगे।
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वर्जन
आगामी 28 नवंबर से एनक्यूएएस का फाइनल सर्वे किया जाना है। राज्य की टीम निरीक्षण कर रही है, फाइनल सर्वे तक टीम रहेगी। तैयारियां की जा रही हैं, सर्टिफिकेट जिला अस्पताल को जरूर मिलेगा।
डॉ. केपी गुप्ता, सिविल सर्जन
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