सीधी। जिला अस्पताल के आइसीयू वार्ड में भर्ती एक युवक ने ‘सांस’ नहीं मिलने पर दम तोड़ दिया। घटनाक्रम शुक्रवार तड़के लगभग 4 बजे का है। युवक वेंटिलेटर पर था। उसी दौरान बिजली गायब हो गई। इससे अस्पताल के सारे संसाधन ठप हो गए और मरीज को ऑक्सीजन मिलना बंद हो गई। कुछ ही देर में तड़पकर उसकी मौत हो गई। जिले से 60 किलोमीटर दूर स्थित मझौली थाना के ठेगरही भगोहर गांव निवासी मुनेश सिंह को 4 दिन पहले स्वास्थ्य खराब होने पर जिला चिकित्सालय में परिजनों ने भर्ती कराया। मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया, जहां वह वेंटिलेटर पर था। शुक्रवार तड़के आइसीयू वार्ड में डेढ़ घंटे तक बिजली नहीं थी। इससे ऑक्सीजन मिलना बंद हो गई और उमेश सिंह ने तड़प कर दम तोड़ दिया। घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कम्प मच गया। अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए मामले को छिपाते रहे।
बंद है जनरेटर, सोलर के सहारे प्रबंधन…
जिला अस्पताल का जनरेटर कई माह से बंद है। सोलर लाइट लगने के बाद से जनरेटर का उपयोग बंद हो गया। मेंटीनेंस के अभाव में वह कंडम हो चुका है। सोलर लाइट के कारण प्रबंधन ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की।
ड्यूटी से गायब था स्टाफ
परिजनों ने बताया कि भोर में आइसीयू की जब बिजली गई तो हम लोगों ने ड्यूटी पर मौजूद नर्स व डॉक्टरों की खोजबीन की पर सब गायब थे। करीब डेढ़ घंटे तक बिजली कटी रही। ऐसे में ऑक्सीजन के अभाव में युवक तड़पता रहा। अगर वहां कोई नर्सिंग स्टाफ होता तो मरीज की जान बचाई जा सकती थी।
बयान देने से बचता रहा प्रबंधन
जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से युवक की जान चली गई। इसके बाद हड़कम्प मच गया। प्रबंधन से जब कारणों का पता जानने की कोशिश की तो वह बयान देने से कतराता रहा। वहीं सांसद रीति पाठक ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। इसकी जानकारी सिविल सर्जन व अन्य जिम्मेदारों तलब कर उचित कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार करेंगे।
बिजली गुल हो जाने से ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो गई, जिससे किसी की मौत हुई है इस संदर्भ में जानकारी नहीं है। ऐसी कोई कोई शिकायत भी नहीं मिली है। जैसा कि आप बता रहे हैं तो कल इस मामले को दिखवाता हूं।
डॉ. आईजे गुप्ता, मुख्य चिकित्सक एवं स्वास्थ्य सीधी।