तीन सदस्यीय जांच टीम के निरीक्षण में दो शासकीय उचित मूल्य दुकानों में 18 लाख से ज्यादा की कालाबाजारी प्रारंभिक जांच में उजागर हुई है। यह जांच ग्रामीणों द्वारा Sidhi collector की जन सुनवाई में आवेदन देने के बाद की गई। 7 फरवरी 2023 को जन सुनवाई में शिकायत मिलने पर कलेक्टर(Sidhi collector ) द्वारा तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम जांच के लिए गठित की गई थी। टीम में तहसीलदार सिहावल माइकल तिर्की, सहकारिता निरीक्षक/कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी मनीष कुमार द्विवेदी एवं शाखा प्रबंधक बहरी प्रदीप पाण्डेय शामिल थे। जांच टीम द्वारा 21 फरवरी 2023 को शासकीय उचित मूल्य दुकान दुधमनिया की जांच की गई। जांच के दौरान चावल 31713 किलो कीमत 12 लाख 68 हजार 520 रुपए, गेंहूं 13701 किलो कीमत 4 लाख 11 हजार 30 रुपए, नमक 298 किलो कीमत 4470 रुपए, मंूग 76 किलो कीमत 5700 रुपए, कैरोसीन 1402 लीटर की कालाबाजारी करना पाया गया। विक्रेता योगेश तिवारी द्वारा मौके पर जांच के दौरान स्टाक पंजी, वितरण पंजी निरीक्षण हेतु उपलब्ध नहीं कराया गया। जांच के दौरान अभिलेखों का संधारण करना नहीं पाया गया। यहां 16 लाख 89 हजार 720 रुपए की कालाबाजारी पाई गई। इसी दिनांक को बजरंग महिला स्व सहायता समूह द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान बांकी का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान चावल 1925 किलो कीमत 77 हजार रुपए, गेंहूं 500 किलो कीमत 1500 रुपए, शक्कर 29 किलो कीमत 1305 रुपए, नमक 89 किलो 1335 रुपए, मंूग 303 किलो 22 हजार 725 रुपए एवं 1900 लीटर कैरोसीन की कालाबाजारी करनी पाई गई। विक्रेता श्रीमती अनुराधा तिवारी द्वारा जांच के दौरान स्टॉक पंजी, वितरण पंजी निरीक्षण हेतु उपलब्ध नहीं कराया गया। साथ ही अभिलेखों का संधारण नहीं पाया गया। यहां 1 लाख 17 हजार 365 रुपए की कालाबाजारी पाई गई।
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sihawal sdm द्वारा जांच टीम के प्राप्त प्रतिवेदन पर शासकीय उचित मूल्य दुकान दुधमनिया के विक्रेता योगेश तिवारी एवं शासकीय उचित मूल्य दुकान बांकी की विक्रेता श्रीमती अनुराधा तिवारी को कारण बताओ नोटिश 2 मार्च 2023 को जारी किया गया। जारी नोटिस में जांच टीम के निरीक्षण के दौरान गायब खाद्यान्न एवं नियत की गई कालाबाजारी की राशि के संबंध में 7 दिवस के अंदर लिखित जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। नोटिश में कहा गया है कि जांच के समय जो अनियमितताएं मिली हैं वह मध्य प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 16 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अनुसार दंडनीय है। उक्त अनियमितता के लिए आवंटित शासकीय उचित मूल्य दुकान निलंबित/निरस्त क्यों न की जाए, आपको विक्रेता पद से पृथक करने की कार्यवाई की जावे, आपके विरुद्ध अभियोजन की कार्यवाई की जावे, आपकी जमा प्रतिभूति राशि शासन के पक्ष में राजसात की जावे। 7 दिवस के भीतर दोनो विक्रेताओं को अपना लिखित जवाब एवं शासकीय उचित मूल्य दुकान के समस्त अभिलेख/दस्तावेजों की मूल प्रति एवं प्रमाणित छांयाप्रति सहित एसडीएम कार्यालय में 13 मार्च 2023 को उपस्थित होकर प्रस्तुत करनें के निर्देश दिए गए हैं। समयावधि में जवाब प्रस्तुत न करने पर अथवा उपस्थित न होने पर एकपक्षीय कार्यवाई की जावेगी।