Big fraud in Rewa Municipal Corporation! Even after retirement, the employee continued serving for 8 years:रीवा. नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों ने कूटरचित तरीके से एक कर्मचारी के दस्तावेजों में जन्मतिथि में बदलाव कर दिया। जिसकी वजह से करीब आठ वर्ष अधिक समय तक सेवाएं संबंधित कर्मचारी ने दी। इसके बदले लाखों रुपए का अतिरिक्त वेतन भी भुगतान हुआ। इतना ही नहीं सेवानिवृत्ति के पहले कर्मचारी की मौत के बाद आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति भी दे दी गई है। इस मामले में आडिट आपत्ति भी आई है, जिसके चलते लापरवाही करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है।
आडिट आपत्ति में उल्लेख किया गया है कि नगर निगम के भृत्य बाबूलाल साकेत की अर्धवार्षिक आयु पूरी होने के बाद सेवानिवृत्त नहीं किया गया। बाद में सेवाएं नगर निगम की ओर से ली गईं, जिसके बदले तीन लाख 87 हजार 374 रुपए का भुगतान भी अतिरिक्त हुआ है। उक्त राशि की वसूली की अनुशंसा की गई है। यह मामला चार वर्ष पहले भी सामने आया था लेकिन उस समय तत्कालीन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया और न ही राशि की वसूली कराई। अब पुरानी कंडिकाओं का निराकरण नहीं होने पर आडिट की ओर से फिर नगर निगम के ध्यान में मामला लाया गया है।
जिसमें कहा गया है कि भृत्य बाबूलाल के दस्तावेजों में 25 दिसंबर 1956 जन्मतिथि है। नगर निगम के अधिकारियों ने जन्मतिथि संशोधित करते हुए नौ जनवरी 1964 कर दी, जिसकी वजह से समय पर उनकी सेवानिवृत्ति नहीं हो सकी। संशोधित जन्मतिथि का कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने की वजह से इसे लिपिकीय त्रुटि नहीं बल्कि कूटरचना माना गया है।
आडिट आपत्ति का हवाला देते मामले में जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की गई है। शहर के ढेकहा निवासी एड. रामचरण कुंभकार ने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन दिया है। जिसमें अतिरिक्त भुगतान की राशि की वसूली कराए जाने के साथ ही अनुकंपा नियुक्ति की मामले की जांच कराने की मांग की है।
ज्ञापन में कहा गया है कि स्थापना के प्रभारी सहायक आयुक्त केएन साकेत के संज्ञान में मामला होने के बाद भी उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत नहीं कराया और नगर निगम को लाखों का नुकसान पहुंचाने का कार्य किया है। पूरे मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की टीम से जांच कराने की मांग की गई है