रीवा। मीडिया सूत्रों की माने तो केन्द्रीय जेल रीवा में निरूद्ध एक महिला कैदी का संजय गांधी अस्पताल में डिलेवरी कराया गया। जहां शिशु की मौत हो गई। संजय गांधी अस्पताल में दिन भर इस बात को लेकर चर्चा बनी रही। जेल में निरूद्ध महिला गर्भवती कैसे हुई। जेल में कब से है।
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मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि डिलेवरी किसकी अनुमति से कराया गया ऐसे कई सवाल लोगों के जुबां पर आते रहे लेकिन जवाब नहीं मिल रहा है कारण यह कि जेल प्रशासन कुछ बताने को तैयार ही नहीं है। एसजीएमएच के डॉक्टर भी स्थिति साफ नहीं कर पा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार केन्द्रीय जेल रीवा में निरूद्ध एक महिला कैदी प्रेग्रेंट थी।
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मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि तकलीफ होने पर उसे उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल लाया गया और उसे स्त्री रोग विभाग में भर्ती कराया गया। बताया गया है कि अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में महिला कैदी का डिलेवरी एबॉर्सन कराया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यह बात पूरे अस्पताल में चर्चा का विषय बनी रही। इस संबंध में केन्द्रीय जेल के अधीक्षक सतीश उपाध्याय एवं डिप्टी जेलर प्रशांत सिंह चौहान से कई मर्तबा संपर्क साधने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका। हालांकि जेल प्रबंधन का कहना है कि एबार्सन नहीं कराया गया डिलेवरी कराई गई है. अब हकीकत जो भी हो इन चर्चाओं से हड़कंप मच गया है. अश्लियत जाँच के बाद ही सामने आएगी.
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मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि डॉ यत्नेश त्रिपाठी, सीएमओ संजय गांधी अस्पताल रीवा द्वारा बताया गया है कि केन्द्रीय जेल में निरूद्ध एक महिला कैदी को अस्पताल लाया गया था। गर्भवती थी, उसकी सहमति से एबार्सन कराया गया। लेकिन इस संबंध में बताते हुए डॉ यत्नेश त्रिपाठी ने मीडिया रिपोर्ट्स में लिखे गए इस बयान का खंडन किया है.
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