रीवा. रीवा मे एक बार फिर भीषण हादसा हुआ है. पायलट को प्रशिक्षण देने व प्लेन मंदिर के गुंबज से टकरा गया. जिसमे पायलट की मौत और प्रशिक्षु पायलट को गंभीर चोंटे आई हैं. संजय गांधी मे उपचार के लिए प्रशिक्षु पायलट को भर्ती कराया गया है. बता दें चोरहटा हवाई पट्टी मे पालटन कंपनी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है. प्रशिक्षण के लिए प्लेन ने उड़ान भरी है. रात को करीब 1 बजे रात उमरी गाँव मे प्लेन मंदिर के गुंबज और आम से टकरा गया. इस घटना मे प्लेन के परचक्खे उड़ गए. घटना का कारण घना कोहरा माना जा रहा है. बताया गया कि घटना की जानकारी होते ही अधिकारी मौके पर पहुँच गए. देर रात हुए इस हादसे को लेकर सभी के होश उड़े हुए हैं. कहा जा रहा है कि यदि प्लेन मंदिर से नही टकराता तो 5 मीटर पर इंद्रभान सिंह का घर था. बड़ा हादसा हो सकता था.
रीवा। शहर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र अंतर्गत गायत्री नगर में संचालित हरि बाल गृह मे रह रहे दो बच्चों के दरवाजे का ताला तोड़कर फरार होने की जानकारी प्रकाश में आई है। इसकी शिकायत बाल गृह संचालक द्वारा विश्वविद्यालय थाना मे दर्ज कराई गई है। बताया गया है कि हरि बाल गृह से जो बच्चे फरार हुए हंैं वह यहां दस दिन से रह रहे थे। जानकारी के मुताबिक इन बच्चों को बाल संप्रेषण गृह में रखा जाना चाहिए था लेकिन उन्हें हरि बाल गृह में रखा गया था। उसमें भी यहां दस दिनों से रह रहे थे। इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हालाकि विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर फरार हुए बच्चों की तलाश शुरू कर दी है।
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जवा और सीधी के थे बच्चे
मिली जानकारी के अनुसार हरि बाल गृह से फरार होने वाले दो बच्चों में एक जवा का और एक सीधी निवासी बताये गए हैं। बाल गृह से फरार हुए बच्चों के फरार होने की जानकारी सभी थानों में दे दी गई है।
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छह माह की सजा काट कर आये थे
बताया गया है कि दोनो बच्चे छह माह की सजा काट चुके थे उसके बाद उन्हें हरि बाल गृह में रखा गया था। करीब दस दिन से यहां रहे थे। लेकिन मौका पाते ही वह बाल गृह के दरवाजे का ताला तोड़कर फरार हो गये।
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शाम आठ बजे की घटना
बताया गया है कि दोनो बच्चे हरि बाल गृह के दरवाजे का ताला दो दिन पूर्व शाम करीब आठ बजे तोड़कर फरार हुए हैं। हालाकि वहंा उन्हें निगरानी मे रखा जाना बताया गया है लेकिन लापरवाही की गई और वह ताला तोड़कर फरार हो गये।
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घर से नहीं आये लेने
जानकारी के मुताबिक फरार हुए दोनो बच्चों को छ:-छ:वर्ष की सजा काटने के बाद हरि बाल गृह लाया गया था। यहां से उन्हें घर भेजना था लेकिन इनके घर से कोई परिजन इन्हें लेने आये ही नहीं। कई दिन बीतने के बाद भी जब कोई परिजन नहीं आये तो ये फरार हो गये।