रीवा। चिरायु और बंसल अस्पताल की तरह जल्द ही रीवा का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल भी एनएबीएच सर्टिफाइड अस्पताल कहलाएगा। सर्टिफिकेशन के लिए तीन दिन निरीक्षण चलेगा। बैंगलोर, दिल्ली और हैदराबाद से सदस्य निरीक्षण के लिए पहुंच रहे हैं। सॢटफिकेशन के बाद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सुविधाओं का मानक तय हो जाएगा। सर्टिफिकेशन के बाद आयुष्मान के पैकेज में भी 15 फीसदी तक बढ़ोत्तरी भी हो जाएगी।मप्र सरकार पहली मर्तबा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का भी एनएबीएच यानि नेशनल एक्रेडिएशन बोर्ड ऑफ हास्पिटल सर्टिफिकेशन कराने जा रही है। इसमें रीवा का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल भी शामिल हैं। यहां भी टीम निरीक्षण करने पहुंच रही है। बैंगलोर, दिल्ली और हैदराबाद से सदस्य 1 सितंबर की रात पहुंचेगी। 2 सितंबर से निरीक्षण शुरू करेगी। निरीक्षण तीन दिन लगातार चलेगा। निरीक्षण के बाद जो भी सुविधाएं टीम को मिलेगी। उसे ओके कर दिया जाएगा। वहीं जो कमियां मानक के अनुसार नहीं मिलेगी। उन्हें पूरा करने के लिए समय दिया जाएगा। तय समय में मानक के अनुसार व्यवस्थाएं करने पर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल भी प्राइवेट अस्पतालों को टक्कर देगा और एनएबीएच सर्टिफाइड अस्पताल कहलाएगा। इसकी तैयारी में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का प्रबंधन जुट गया है।
तीन दिन चलेगा निरीक्षण
निरीक्षण के लिए तीन सदस्यीय टीम पहुंच रही है। इसमें बैगलोर, हैदराबाद और दिल्ली से तीन सदसय पहुंच रहे हैं। इसमें बैगलोर से एक महिला सदस्य भी शामिल है। इसके अलावा यह टीम 1 सितंबर की रात पहुंचेगी। दूसरे दिन यानि 2 सितंबर की सुबह 9 बजे से टीम सर्टिफिकेशन के लिए निरीक्षण करना शुरू कर देगी। यह निरीक्षण 4 सितंबर की शाम 4 बजे तक चलेगा।
आयुष्मान का पैकेज भी बढ़ेगा
एनएबीएच सॢटफाइड अस्पताल को आयुष्मान के पैकेज में भी फायदा होगा। सरकार की तरफ से वर्तमान पैकेज में 15 फीसदी का इजाफा हो जाएगा। इसके अलावा डॉक्टर, कर्मचारियों को मिलने वाले इनसेन्टिव में भी बढ़ोतरी हो जाएगी।
सारी चीजें व्यवस्थित कर दी जाएंगी
एनएबीएच सर्टिफिकेशन में अस्पताल की सारी सुविधाएं और व्यवस्थाएं फिक्स कर दी जाएंगी। अभी तक जो हास्पिटल मैनेजमेंट कार्पोरेट अस्पताल में देखने को मिलता था। वह सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में देखने को मिलेगी। चिरायु अस्पताल, बंसल अस्पताल की तरह हेल्प डेस्क काम करता दिखेगा। सभी कर्मचारी प्रापर डे्रस में होंगे। इस सर्टिफिकेट के तहत अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों को मरीजों के साथ बातचीत करने का सलीका भी सिखाया जाएगा। कैसा व्यहार रखना है। यह भी इसमें शामिल होगा। मरीजों के डाक्यूमेंटेशन का गुण भी सिखाया जाएगा। मरीजों के भर्ती करते समय फार्म आदि की जानकारी भी इसी के तहत दी जाएगी।
मानक हो जाएगा फिक्स, फिर इसे मेंटेन करना होगा
एनएबीएच सर्टिफिकेट मिलने के बाद अस्पताल में मानक तय हो जाएगा। उससे नीचे सुविधाएं अस्पताल नहीं दे पाएगा। यदि मानक और गुणवत्ता में कमी आई तो सर्टिफिकेट भी छिन जाएगा। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन के सामने जितना सर्टिफिकेट पाना चैलेंजिंग होगा, उतना ही इसे मेंटेन करना भी होगा। फिलहाल अस्पताल प्रबंधन सर्टिफिकेट पाने के लिए पसीने बहा रहा है। व्यवस्थाओं को पटरी पर लाया जा रहा है।
एनएबीएच सर्टिफिकेशन के लिए निरीक्षण करने टीम आ रही है। टीम 2 से 4 सितंबर तक निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के बाद सर्टिफिकेट जारी करेगी। सर्टिफिकेट मिलने के बाद आयुष्मान के पैकेज में भी 15 फीसदी इजाफा हो जाएगा। अभी तक यह सर्टिफिकेट सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों के पास है। गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट में यह निरीक्षण पहली मर्तबा हो रहा है।
डॉ आलोक सिंह
एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा
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