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रीवा। नगर निगम के महापौर और पार्षदो का सपथ ग्रहण हो चुका है अब बारी है परिसद में अपना बहुमत दिखाने की व निगम अध्यक्ष चुनाव की, निगम अध्यक्ष का चुनाव आगामी 1 अगस्त को होना है दजनो ही पार्टियां खींच तान में लगी हुई हैं। अपना-अपना बहुमत परिसद में होने व उनकी पार्टी का अध्यक्ष बनने का दावा किया जा रहा है। हम आपको बता दें कि भाजपा ने पहले ही 7 निर्दलीय पार्षदो को अपनी ओर शामिल कर भाजपा की सदस्यता दिला दी है और परिसद में अपना बहुमत मान चुकी है।
वहीं इस समय जो बड़ी खबर सामने आ रही है वह यह है कि जिन 7 निर्दलीय पार्षदो को भाजपा ने शामिल किया है, उनमें से 6 परस्पर कांग्रेस के संपर्क में आ गए हैं। सूत्रों की माने तो एक निर्दलीय पार्षद को छोड़ अन्य 6 निर्दलीय पार्षद ने कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग करने की बात कही है। बता दें कि इस बात का खुलासा महापौर अजय मिश्रा बाबा ने किया है। हन्होंने मीडिया से हुई चर्चा में दावा किया है कि 6 पार्षद उनके संपर्क में है भले ही भाजपा ऊनको बंधक बनाए है लेकिन वह 1 अगस्त को कांग्रेस को ही वोट करेगे और नगर निगम की छठवीं परिसद में अध्यक्ष कांग्रेस का ही होगा। आपको बता दें कि जिस प्रकार से महापौर अजय मिश्रा बाबा दावा कर रहे हैं और इस बात की जानकारी भाजपा को हुई है हड़कम्प मचा हुआ है।
बता दें कि भाजपा ने महापौर के सपथ ग्रहण के पहले ही अपने व निर्दलीय पार्षद जिन्होंने सपथ सदस्यता भाजपा की ली है उन्हें सपथ दिला दी थी और उसकी दिन सपथ के कुछ दिन बाद ही उन्हें लेकर शहर से बाहर रवाना हो गए। इस मामले को कांग्रेस ने काफी विरोध किया और आरोप भी लगाए की भाजपा एमपी में विधायक व महाराष्ट्र में जो खरीद-फरोख्त का काम किया है वह अब परिसद में बहुमत बनाने के लिए कर रही। कांग्रेसियो का कहना है कि निर्दलीय पार्षदो को खुद पता नही था की उनको ले कहा जाया जा रहा मतलब साफ है कि उन्हें बंधक बना लिया गया है। महापौर ने कहा कि भाजपा की रणनीति पूरी तरह फैल हो चुकी है क्योंकि हर जगह खरीद-फरोख्त नही चलती। हालांकि परिसद में किसका बहुमत होगा यह तो आगामी 1 अगस्त को ही पता चलेगा।
गुटबाजी में फंसे नेता
जो चर्चाएं पहले कांग्रेस को लेके हुआ करती थी वह अब भाजपा के लिए हो रही हैं। कहा जा रहा कि जमकर गुटबाजी भाजपा में है। अपने आप को श्रेष्ठ बताने में विधायक षित पदाधिकारी लगे हुए हैं। गुटबाजी हावी होती जा रही है। पार्षदो को गायब करना भी गुटबाजी का एक हिस्सा है ऐसा चर्चाओ में कहा जा रहा है।