रीवा। नगर निगम अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब परिणाम आने के बाद एक वोट कांग्रेस की तरफ से भाजपा को क्रास गया। यानि की अधिक वोट का दावा कर रही कांग्रेस को उनके वोट से भी एक वोट कम मिला। इस बात के प्रकाश में आने के बाद से ही हड़कंप मच गया और तरह-तरह की बाते शुरु हो गईं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कौन सा पार्षद है जिसने कांग्रेस के साथ दगेबाजी की और क्रास वोटिंग करते हुए भाजपा के पक्ष में वोट डाल दिया। जिस प्रकार से चर्चाएं सामने आ रही है तो यह कहा जा रहा है कि यह वोट निर्दलीय पार्षद का नहीं बल्कि कांग्रेस पार्षद का ही था।
इन नामो पर हो रही चर्चा
बता दें कि भाजपा को क्रास वोट मिलने के बाद फिलहाल किसके द्वारा क्रास वोटिंग की गई तो उसमें दो पार्षदों का नाम चर्चाओं में लिया जा रहा है जिसमें वार्ड क्रमांक 8 की पार्षद अनीता उमेश वर्मा व वार्ड क्रमांक 25 पार्षद जरीना बेगम का नाम शामिल है, बता दें कि वार्ड क्रमांक 8 पार्षद को लेकर चर्चा है कि वह बीते दिनो में हुई कांग्रेस की बैठक में नहीं पहुंच रहीं थी जिसमें अध्यक्ष पद को लेकर चर्चाएं हुई, यह बताया जा रहा था कि उनकी तबियत खराब है और चुनाव के दिन भी वह अकेले ही कलेक्ट्रेट पहुंच गईं और उनके द्वारा ही वोट भाजपा को दिया गया, चर्चा यह भी है कि कांग्रेस के ही एक पदाधिकारी के इशारे पर उनके द्वारा ऐसा किया गया है क्योंकि पार्षद पति उनके करीबी हैं। वहीं दूसरा नाम वार्ड 25 पार्षद का है जिसमें यह चर्चा की जा रही है कि पार्षद पति ने पहले ही कह दिया था कि व्यंकटेश उनके मित्र हैं और वह उन्हें ही वोट करेंगे। हालांकि चर्चाओं में कितनी सत्यता है यह तो नहीं कहा जा सकता है और न ही इसका कोई प्रमाण है कि इन दोनो में से किसी एक ने क्रास वोटिंग की है लेकिन इन दोनो नामों को लेकर चर्चाएं जोरो पर हैं। वहीं तीसरा नाम वार्ड क्रमांक 30 पार्षद का सामने आ रहा है, इनको भी लेकर चर्चा हो रही है कि इनके द्वारा क्रास वोटिंग की गई है।
भाजपाईयों ने मनाया जश्र
इधर छठवीं परिषद् के अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने के बाद भाजपाईयों में काफी खुशी है, वह ढोल-नगाड़ो के साथ खुशियां मना रहे हैं, सड़को पर जश्र का महौल है। नवनिर्वाचित अध्यक्ष व्यंकटेश पांडेय भी पार्टी कार्यालय पहुंचे व पदाधिकारियों से मुलाकात की। बता दें कि व्यंकटेश पांडेय महापौर के प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर काफी चर्चा में थे और कांग्रेस शासन काल में भी बतौर प्रभारी महापौर काफी चर्चा में रहे।
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