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रीवा। नगर निगम में पक्ष-विपक्ष के बीच अधिकारों को लेकर हो रहा पत्राचार व विरोध जारी है। सोमवार को पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने निगम अधिकारियों की बैठक ली तो नगर निगम के लोक निर्माण विभाग के प्रभारी धनेन्द्र सिंह बघेल ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए आपत्ति जता दी है।
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उन्होंने इस संबंध में निगमायुक्त मृणाल मीना को पत्राचार किया है व निगम अधिकारियों को इस प्रकार की बैठक में जाना गलत बताया है। पत्र में धनेन्द्र सिंह बघेल ने कहा है क जानकारी प्राप्त हुई है कि श्री राजेंद्र शुक्ल विधायक रीवा ने आज नगर निगम रीवा के कमिश्नर के साथ अधिकारियों कर्मचारियों की बैठक बुलाई है,
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जबकि नगर निगम अधिनियम 1956 मे वर्णित प्रावधानों में उनको कोई अधिकार नहीं है और नगर निगम में चूंकि जानता द्वारा चुनी गई शहर सरकार काम कर रही है ऐसे में नियमत: किसी भी इलेक्टेड बॉडी में हस्तक्षेप करने का और न ही विधायक को मीटिंग बुलाने का कोई अधिकार है। वह विधायक की हैसियत से परिषद की बैठक में शामिल हो सकते हैं किंतु इसके लिए भी उनके द्वारा प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया गया है।
उन्होंने नगर निगम में विधायक निधि से कोई भी धन राशि नहीं उपल्बध कराई बल्कि उल्टा दोहन किया गया है नगर निगम की बेस कीमती जमीन, भवन जो पुराना ऑफिस है बिना किसी कीमत, किराया पर इको पार्क को उनकी एमआईसी महापौर परिषद ने दे दिया।
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जिससे नगर निगम को आर्थिक छती हुई है! महापौर श्री अजय मिश्र बाबा के द्वारा किए जा रहे जन हित कार्यों से विचलित हो कर गौर कानूनी रूप से मीटिंग बुलाई गई है वो आधिकारी कर्मचारियों पर दवाब बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब रीवा विधायक की मीटिंग असंवैधानिक है तो निगम अधिकारियों का जाना उचित नहीं है।
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इस मीटिंग को लेके कही बात…