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रीवा। जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में बड़ी खींचतान मची हुई है। इसके चलते मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सीएमएचओ कार्यालय में चल रही खींचतान ने कार्यालय के कई इतिहास बदल डाले हैं। बता दें कि सीएमएचओ आफिस में पहली दफा किसी दफ्तर में एक साथ दो ताले जड़ दिए गए हैं। यह ताले प्रशासनिक आदेश पर नहीं, बल्कि आदेश के चलते मची खींचतान को लेकर जड़े गए हैं। दरअसल असल बीते 16 अक्टूबर 2022 को सीएमएचओ डॉ. एनएन मिश्रा द्वारा आदेश जारी कर डीपीएम अर्पिता सिंह चौहान की सेवा समाप्त कर दी गई थी। इसके अलावा सीएमएचओ द्वारा एनएचएम के लेखा प्रबंधक शरद पाठक को हटाते हुए एके द्विवेदी को प्रभार दिया गया था। यह बदलाव संबंधित कर्मचारियों को रास नहीं आया, वहीं आदेश पर सवाल खड़े हो गए कि सीएमएचओ ने बिना अधिकार यह आदेश जारी किए और सेवा समाप्त की एवं कर्मचारी का प्रभार बदला। जबकि सीएमएचओ को इसका अधिकार ही नहीं था। इस आरोप के साथ-साथ प्रभार जिसके पास पहले था व जिसे सीएमएचओ ने दिया दोनों कर्मचारियों ने लेखा प्रबंधक शाखा एनएचएम में ताला जड़ दिया। अब आलम यह है कि बीते 18 अक्टूबर से इस शाखा में ताले बंद हैं। इसमें एक ताला शाखा प्रबंधक रहे शरद पाठक ने बंद किया है तो दूसरा ताला जिसे सीएमएचओ ने प्रभार दिया एके द्विवेदी द्वारा बंद कराया गया है। दोनों के बीच खींचतान मची हुई है। सीएमएचओ कार्यालय में इतिहास में पहली बार हो रहा है कि इस प्रकार से किसी शाखा में दो-दो ताले बंद किए गए हैं।
बंद है एनएचएम की आईडी
बता दें कि इस शाखा में केवल ताला ही नहीं बंद है, बल्कि एनएचएम का पूरा काम प्रभावित हो रहा है। इतना ही नहीं, जिस एनएचएम की आईडी से छेड़छाड़ करने का आरोप सीएमएचओ पर लगा है वह भी बीते 26 दिन से बंद पड़ी है। बताया गया कि बीच में हुए इस बदलाव के बाद आईडी-पासवर्ड से छेड़छाड़ की गई, लेकिन इसकी जानकारी कलेक्टर मनोज पुष्प को हो गई। उन्होंने शासन स्तर पर उक्त आशय की जानकारी दे दी, जिसके बाद एनएचएम की आईडी को लॉक कर दिया गया है। जब से आईडी लॉक है पूरी तरह से काम प्रभावित हो रहा है।
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सीएमएचओ से हो चुका है जवाब-तलब
डीपीएम रहीं अर्पिता सिंह चौहान की सेवा समाप्ति व आईडी में हुई छेड़छाड़ को लेकर शासन स्तर पर सीएमएचओ को तलब भी किया गया। उन्होंने अपना पक्ष राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र के संचालक प्रियंका दास के सामने रख भी दिया, लेकिन अभी तक यह मामला निपटा नहीं और आईडी से लॉक नहीं खोला गया है। इन बातों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कोई सीएमएचओ पर मनमानी का आरोप लगाकर कार्यवाही की बात कर रहा है, तो कोई डीपीएम अर्पिता सिंह चौहान पर हुई कार्यवाही को सही बता रहा हैं। हालांकि हकीकत तो जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर
सीएमएचओ आफिस में मची इस खींचतान से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। मैदानी अमले को वेतन का भुगतान दिवाली के समय से अब नहीं हो पाया। संविदा कर्मचारी भी वेतन भुगतान के लिए परेशान हैं। वहीं इसके चलते जिले की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। एनएचएम के काम प्रभावित होने से कई तरह के कार्य रूके हुए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब इतने लंबे समय से एनएचएम का कार्य पूरी तरह से जिले में चौपट है। हैरानी इस बात की है कि जिले के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ जिम्मेदार अधिकारी एवं जिला प्रशासन भी इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है।
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