Bahujan Samaj Party's 16.05 percent vote bank reduced to just 3.35 percent
भोपाल। लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 29 सीटों पर भले ही बहुजन समाज पार्टी अपने उम्मीदवार उतार रही हो, लेकिन आलम यह है कि सूबे में उसका वोट बैैंक लगातार कम होता जा रहा है। स्थिति यह है कि पिछले कुछ वर्षों में बसपा का कोर वोट लगभग 6 फीसदी से भी कम तक पहुंच गया है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में दलित वर्ग के लिए 35 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। इन्हीं सीटों में बसपा अपना तकरीबन 9 फीसदी कैडर वोट मानती आ रही है। जिनके बल पर बसपा ने मध्यप्रदेश से कई सासंदों को लोकसभा भेजा है, तो विधानसभा में भी उनके विधायकों की संख्या 7 तक पहुंची है। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुल सका और उसका वोट प्रतिशत 3.35 तक पहुंच गया, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा को 5.01 प्रतिशत वोट मिले थे। यानि कि बसपा के अपने आंकलन के आधार पर 16.05 प्रतिशत कोर वोट बैैंक में 12.70 फीसदी वोट बैैंक नीचे आ गया।
भटकता रहा बसपा का कोर वोट
जानकारों का मानना है कि बसपा ने सोशल इंजीयिरिंग के नाम पर जो मापदण्ड अपनाया, उसका नतीजा यह हुआ कि ऐसे लोगों को बसपा से टिकट दिए जाने लगे, जो उसकी विचारधारा से वास्ता नहीं रखते रहे और कांग्रेस या भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर बसपा की शरण में पहुंचे और टिकट लेकर मैदान में उतर गए, जिससे बसपा का वोट बैंक भ्रमित होकर दूसरे दलों की झोली में जाने लगा।
69 सीटों पर प्रभावी बसपा
अगर वर्ष 2003, 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों पर नजर डालें, तो उन तीनों चुनावों में बसपा ने प्रदेश की तकरीबन 69 सीटों पर अपना वोट शेयर 10 प्रतिशत तक रखने में कामयाबी पाई है। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित 35 में 29 सीटों पर वोटिंग प्रतिशत काफी बढ़ा, लेकिन वह बसपा की जगह भाजपा कांग्रेस के खाते में गया।
इस चुनाव में चुनौती कमजोर
राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि बसपा इस लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में वैसी गंभीर नहीं है, जो पहले रहा करती थी। इस बार पार्टी ने अपने जितने भी प्रत्याशी घोषित किए हैं, उनमें से फिलहाल अब तक कोई भी फाइट में देखने को नहीं मिल रहा है। हालांकि बसपा के बारे में ऐसा माना जाता है कि वह भले ही प्रचार प्रदर्शन में पीछे रहे, लेकिन उसका कैडर वोट पार्टी में ही जाता है।
इन सीटों से उम्मीद
बसपा विंध्य की चार लोकसभा सीटों में से सतना से एक बार और रीवा से तीन बार अपना सांसद जीता चुकी है। यहां बसपा पुराना इतिहास दोहराना चाहती है। विशेषकर पार्टी ने सतना से पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बनाकर जातिगत समीकरण के आधार पर जीत पाने की कोशिश की है। मुरैना, बालाघाट पर भी बसपा को उम्मीद है कि वह कांटे की टक्कर देगी।
बेहतर प्रदर्शन करेंगे: गौतम
राज्यसभा सांसद एवं बसपा के प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम का कहना है कि लोकसभा में मध्यप्रदेश में बसपा एक बार फिर से चौकाएगी। इस बार हमारे कुछ सांसद लोकसभा में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे और हमारा वोट प्रतिशत 5 से 6 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में हम गौडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ चुनाव मैदान में थे। हमें 178 सीटों पर साढे तीन प्रतिशत से ज्यादा वोट मिला था।