Ayurveda College Rewa got special achievement, now it will get this facility:प्रदेश में आयुष पद्धतियों से और ज्यादा लोगों को इलाज मिल सकेगा। इसके लिए चार विशेष कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। यह खासतौर पर गर्भवती महिलाओंए बुजुर्गोंए ऑस्टियोअर्थराइटिस रोगों से पीड़ित और दिव्यांगों के साथ स्कूली बच्चों के लिए है। 9 शासकीय आयुष कॉलेजों को नोडल बनाया गया है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत यह कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। अब तक एलोपैथिक पद्धति के अस्पतालों में ही सुविधा थी। अब आयुष अस्पतालों में भी मिलेगी। यहां आयुष विशेषज्ञ आयुर्वेदए होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों से इलाज करेंगे। अभी भोपाल के पंण् खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज में क्लीनिक हैं। अन्य अस्पतालों में भी यह शुरू किया जा रहा है।
सुप्रजा: गर्भवतियों की विशेष देखरेखए इसमें गर्भकाल में आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार गर्भ संस्कार देनेए उचित आहारए जांचए उपचार व संस्थागत प्रसव शामिल है।
वयोमित्र: बढ़ती उम्र में सेहत संबंधी समस्याओं का इलाज विशेषज्ञ करेंगे। जो बुजुर्ग अस्पताल तक नहीं आ सकतेएउनके घर परइलाज कीव्यवस्था होगी।
आयुर्विद्या: स्कूली बच्चों को आयुर्वेद के अनुसार दिनचर्याए खानपानए शारीरिक श्रम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। विशेषज्ञ स्कूलोंमें जाकर भीशिविर लगाएंगे।
ऑस्टियोआर्थराइटिस निरोधी मिशन: बुजुर्गों और युवाओं मे ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या बढ़ रही है। मिशन में आयुष पद्धतियों से इलाज होगा। इससे जोड़ बदलवाने की सर्जरी से निजात मिलेगी।
ये नौ सरकारी कॉलेज नोडल: स्वशासी होम्योपैथिक कॉलेज.अस्पताल भोपाल, आयुर्वेद कॉलेज भोपाल, यूनानी कॉलेज भोपाल, आयुर्वेद कॉलेज जबलपुर, आयुर्वेद कॉलेज रीवा, उज्जैन, ग्वालियर, इंदौर और आयुर्वेद कॉलेज बुरहानपुर।