रीवा। शहर की शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकानों में गरीबों को प्लास्टिक चावल का वितरण किया जा रहा है। कई मोहल्ले के लोगों ने मीडिया कार्यालय आकर बताया कि इन दिनों राशन दुकानों में जो चावल दिया जा रहा है वह प्लास्टिक का है। इसे खाने में भी प्लास्टिक जैसा लगता है। राशन दुकानों से प्लास्टिक का चावल वितरण किये जाने की खबर ने शहर में सनसनी घोल दी है। हालाकि खाद्य विभाग के अधिकारियों ने इसे खारिज करते हुए बताया कि जिसे प्लास्टिक का चावल का बताया जा रहा है वह दरअसल फोर्टी फाइड चावल है। सरकार द्वारा फोर्टी फाइड चावल की सप्लाई इसलिए की जाती है ताकि उन गरीबों को भी शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व मिल सके जिन्हें चावल के साथ खाने के लिए दाल या फिर सब्जी नहीं मिल पाती है। लेकिन अगर इसमें जरा सी भी सच्चाई है तो यह सीधे-सीधे गरीबों की जान से खिलवाड़ करने का मामला है और इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।
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खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फोर्टी फाइड चावल को प्राकृतिक चावल में 10 प्रतिशत मात्रा मिलाई जाती है। यह चावल शरीर के लिए पोषक तत्व की पूर्ति करता है। लेकिन शहर के जिन गरीबों को इस चावल की सप्लाई मिल रही है वह इस आशंका से ग्रसित है कि उन्हें प्लास्टिक का चावल दिया जाकर उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। शहर के जिन लोगों ने चावल का सेंपल दिखाया है उसमें वार्ड 22, वार्ड 9 के अलावा पीके स्कूल के पीछे रहने वाले लोग शामिल है।
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इन लोगों ने बताया कि पहले उन्हें ठीक चावल दिया जाता था लेकिन अब प्लास्टिक का चावल दिया जा रहा है। इनकी बातों में अगर थोड़ी भी सच्चाई है तो इस तरह की मिलावट करने के सुविधा केवल जिले के उन मिलरों को हासिल है जिन्हें मिलिंग के लिए धान की सप्लाई दी गई है। बहरहाल मामला जो भी हो इस मुद्दे को इतने हल्के में लेने के स्थान पर गरीबों की आशंका का समाधान करने की जरूरत है।