Arbitrariness in this Tiger Reserve of MP
जिले के कुसमी व मझौली जनपद क्षेत्र अंतर्गत संजय टाइगर रिजर्व से विस्थापन की प्रक्रिया में नियमो की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसके पूर्व भी टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों द्वारा जबरिया व नियम विरुद्ध विस्थापन के विरुद्ध वहां के रहवासी आवाज उठाते रहे हैं लेकिन संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारी क्षेत्र व क्षत्रवासियों को अपनी मानकर मनमानी कार्यवाही करने से बाज नही आ रहे। ऐसा ही मामला हाल में कुसमी जनपद के तिलया ग्राम से आया है जहां लगभग आधा दर्जन रहवासियों के मकान गिरा दिए गए जबकि उनमें से कुछ ने मुआवजा राशि भी अभी नही लिया है।
बिना सूचना लोगो के घर गिरा दिए गए और सामग्री उसी हाल में वही छोड़ दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि जंगल विभाग के अधिकारियों द्वारा ट्रैक्टर ट्राली के बैक से धक्का देकर दीवाल को गिराया गया है। उक्त मामले की सूचना जब क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह टेकाम को दी गयी तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए ऐसी कार्यवाही कप रोकने जांच व हेतु एसडीएम को पत्र लिखकर निर्देशित किया है। विधायक श्री टेकाम ने ऐसी घटना की पुनरावृत्त रोकने व नियमानुसार मुआवजे के राशि प्रदत्त करए अन्य जो भी लाभ हो देने के बाद ही विस्थापन को कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।
घर गिराने से प्रभावित लोगों में दिनेश पाण्डेय पिता ददभैया पाण्डेय, यज्ञनारायण यादव पिता भोला यादव, मुन्नी सिंह पति उत्तम सिंह, रामगोपाल पाण्डेय पिता बद्री प्रसाद पाण्डेय, सेमबती सिंह पति निरंजन सिंह, वंशबहादुर पिता धनी सिंह, मुन्नी पति उत्तम सिंह शामिल हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से कुछ लोगों को अभी भी मुआवजा राशि भी नही मिली है।
क्या है विस्थापन का नियम
संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र से विस्थापन से पूर्व ग्रामीणों को एक सप्ताह पूर्व सूचना देकर ही विस्थापन की कार्यवाही करने का प्रावधान है। साथ ही मकान गिराए जाने के बाद मकान मालिक का विभाग के खर्चे से मकान मालिक के सामग्री को उनके गंतव्य स्थान तक पहुचाये जाने अथवा 20 हजार रुपए नगद देने का प्रावधान है।
परंतु संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारी कर्मचारी मनमानी तरीके से जंगली क्षेत्र के रहवासियों को परेशान कर रहे हैं ऐसे में उनके सामने बाल बच्चों के सर से क्षत का संकट उतपन्न हो गया है। इस भीषण गर्मी में अधिकारियों द्वारा प्रदत्त आपदा से बचने ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक से गुहार लगाई है।