रीवा।अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रो राजीव दुबे ने दो और शैक्षणिक विभागों के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। अब वह केवल व्यवसायिक प्रशासन विभाग में शिक्षकीय दायित्व का निर्वहन करेंगे। बी ग्रेड अधिकारी से अपमानित होने व वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संबंधित खुली छूट देने पर प्रो दुबे बेहद दुखी रहे। हालांकि शांत स्वाभाव के प्रो दुबे ने अपने इस्तीफे की वजह में व्यक्तिगत कारणों की वजह से पद छोडऩे का जिक्र किया है और किसी पर कोई आरोप भी नहीं लगाए हैं। इस कारण विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी संबंधित तकनीकी अधिकारी की फिलहाल हौंसला अफजाई कर रहे हैं। वहीं, तकनीकी अधिकारी नलिन दुबे ऐसी किसी तरह की घटना नहीं होने की बात कह रहे हैं। इस मसले में वरिष्ठ आचार्य को विश्वविद्यालय के नियमित शिक्षक संघ का साथ भी नहीं मिल पाया, जो उन्हें मानसिक रुप से संबल प्रदान कर सके।
मामले के संबंध में बता दें कि विगत 16 जुलाई को विश्वविद्यालय के विधि विभाग के सभागार में ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय द्वारा एक व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में कुलपति के प्रतिनिधि के तौर पर उक्त तकनीकी अधिकारी पहुंचे थे, जहां कुछ अतिथि विद्वानों से उनकी कहासुनी हुई। इस संबंध में चर्चा करने 19 जुलाई को प्रो राजीव दुबे को कुलपति कार्यालय में बुलाया गया, जहां प्रो दुबे से अभद्र व्यवहार करने का आरोप उक्त तकनीकी अधिकारी पर लगा।
बिना तीमानदारी के नहीं कटते दिन
निचले स्तर के अधिकारी के इस व्यवहार पर कोई कार्यवाही न होने से आहत प्रो दुबे ने उसी समय विधि विभाग व बीकॉम विभाग से इस्तीफा दे दिया। तब भी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा तकनीकी अधिकारी के व्यवहार को प्रश्रय दिया गया तो प्रो दुबे ने अब व्यवसायिक प्रशासन विभाग और जवाहरलाल नेहरु शोध केंद्र से भी इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि इसी शोध केंद्र में तकनीकी अधिकारी की मूल पदस्थापना है, जिसे छोड़कर वह विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में वरिष्ठ अधिकारियों को खुश रखने में पूरा समय दे रहे हैं।
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