रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में दो दर्जन कर्मचारियों के विभागों में फेरबदल हुआ है। इस बाबत विश्वविद्यालय प्रशासन ने गत दिवस आदेश प्रसारित कर दिए हैं। जारी आदेश के साथ ही संबंधित कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया गया है। साथ ही आदेश में उल्लेखित किया गया है कि उक्त कर्मचारियों का आगामी वेतन अब नवीन पदांकित विभाग से ही जारी होगा। अतएव संबंधित कर्मचारियों को तत्काल नवीन पदस्थापना में हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश में 24 कर्मचारियों के विभागों में फेरबदल हुआ है। इसमें से राघवेंद्र प्रताप ङ्क्षसह सहायक अधीक्षक को यूसिक विभाग से पेंशन प्रकोष्ठ, कार्य सहायक विद्वांजय उपाध्याय को परीक्षा काउंटर से गोपनीय विभाग, कार्य सहायक शिवेंद्र तिवारी को रासेयो से परीक्षा विभाग, वरिष्ठ कार्य सहायक आदित्य प्रताप ङ्क्षसह को केंद्रीय पुस्तकालय से परीक्षा विभाग में पदांकित किया गया है।
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कर्मचारी न होने पर केंद्रीय पुस्तकालय में लगा दिया ताला
विश्वविद्यालय का केंद्रीय पुस्तकालय इस समय कर्मचारीविहीन है। कर्मचारी न होने के कारण पुस्तकालय में बीते चार महीने से ताला लटका है। कर्मचारी अभाव के कारण यहां पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को पुस्तकें नहीं मिल पा रही हैं, जबकि पुस्तकालय के नाम पर विशेष शुल्क विश्वविद्यालय प्रशासन शोधार्थियों से वसूलता है। इस पर भी महज दो कर्मचारियों को केंद्रीय पुस्तकालय में भेजा गया है। इनमें स्थाईकर्मी शीला पाण्डेय को लोकसूचना प्रकोष्ठ से केंद्रीय पुस्तकालय, कार्य सहायक भारती दहायत को उपाधि प्रकोष्ठ से केंद्रीय पुस्तकालय पदांकित किया गया है। इस पर भी इन दो कर्मचारियों के भरोसे केंद्रीय पुस्तकालय का ताला खुलने की स्थिति नहीं बनती दिख रही है।
अकादमिक विभाग से ही होंगे सेवानिवृत्त
विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग, गोपनीय विभाग, परिवहन विभाग, विकास विभाग में कई कर्मचारी ऐसे हैं, जो वर्षों से जमे हुए हैं। यही स्थिति अकादमिक विभाग की भी है। अकादमिक विभाग में तो सेवाकाल से पदस्थ कुछ कर्मचारी यहीं से सेवानिवृत्त होने की ठान बैठे हैं। इन कर्मचारियों की हेकड़ी के आगे विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी कांपते हैं, लिहाजा संबंधितों के विभाग बदलने के बारे में कभी सोचा ही नहीं गया।
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