Administration is not paying attention to this years old stepwell, history is interesting:रीवा। जिले भर में जल स्त्रोत संरक्षण एवं पुनर्जीवन अभियान के तहत ऐतिहासिक एवं प्राचीन तालाबों, कुओं एवं बावडिय़ों की सफाई कराये जाने का अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत जहां कई प्रचीन एवं ऐतिहासिक कुओं एवं बावडिय़ों की सफाई एवं संरक्षण किया जा रहा है वहीं शहर के ही कुछ पुराने जलस्रोतों को उपेक्षित रखा गया है। इनकी सफाई के लिए कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। इनमें से कुछ ऐसे जलस्त्रोत भी हैं जिनकी पहचान जीवित रखने के लिए संरक्षण किया जाना आवश्यक है।
पुरानी कलेक्ट्रेट के पीछे स्थित राधा-कृष्ण के ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर परिसर में ऐसी नायाब बावड़ी मौजूद है जो ऊपर से पता ही नहीं चलता कि यहां पर बावड़ी भी है। इस बावड़ी को वर्षो पहले बाहर से बंद कर दिया गया है। इसके बावजूद बावड़ी अभी तक सलामत है। राधा-कृष्ण मंदिर के पश्चिम दिशा में स्थित ऐतिहासिक बावड़ी इस तरह बनाई गई है कि लोग इससे न केवल अपनी प्यास बुझाते थे बल्कि यह नहाने के लिए भी काम आती थी।
इस बावड़ी में बाहर केवल एक दरवाजा लगा था जिसे लगभग दो दशक पहले एक लाश पाये जाने के बाद बंद कर दिया है। बावड़ी के अंदर जाने पर नीचे काफी चौड़ा स्थान है जिसे पत्थर को काटकर बनाया गया है। सैकड़ों साल पुरानी इस बावड़ी में नीच कपड़े आदि बदलने के लिए भी पर्याप्त जगह बनाई गई है। वर्तमान यह कचरे से पटी हुई है। मंदिर परिसर में स्थित पुराने पेड़ों की पत्तियां लगातार गिरने एवं सफाई नहीं होने के कारण बावड़ी का भीतरी हिस्सा कचरे से पटा हुआ है।
रखाव एवं संरक्षण नहीं होने के कारण धीरे-धीरे इस प्राचीन बावड़ी का अस्तित्व समाप्त सा होता जा रहा है। अब जबकि पूरे प्रदेश में जलस्त्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवित करनेे का अभियान चलाया जा रहा है तो इस ऐतिहासिक बावड़ी को नये सिरे से विकसित किये जाने की उम्मीद बढ़ गई है।
पुरानी कलेक्ट्रेट के पीछे राधा-कृष्ण मंदिर परिसर में स्थित प्राचीन बावड़ी के अलावा भी कई ऐतिहासिक कुएं एवं बावड़ी मौजूद हैं परन्तु इनमे से अधिकांश गुमनामी के अंधेरे में हैं या फिर अतिक्रमण का शिकार हैं। शहर के जितने भी पुराने मोहल्ले है कमोवेश हर मोहल्ले में कुएं बावड़ी मौजूद है। इनमे से कइयों को तो नष्ट कर दिया गया है। इसके बावजूद अभी भी दर्जनों की संख्या में ऐसे जलस्रोत मौजूद है जिनका कायाकल्प किया जाकर उन्हें पुनर्जीवित किया जा सकता है।