रीवा। नगर निगम में फर्जीवाड़ा चरम पर है, सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा में किया जा रहा है। यहां फाइल लगाने वाले कंसल्टेंट इंजीनियर बड़ा फर्जीवाड़ा कर भवन अनुज्ञा सहित कम्पाउंडिंग भवनो की करा रहे हैं। इसमें उनके द्वारा अपराधिक रास्ता भी अपनाया जा रहा है। दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले की शिकायत पूर्व प्रदेश सचिव मप्र कांग्रेस व पूर्व पार्षद रामप्रकाश तिवारी (डैडू) ने निगमायुक्त से करते हुए जांच कराए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि नगर निगम में भवन अनुज्ञा व कम्पाउंडिंग के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम के वार्ड क्रमांक 9 में 9 दिसंबर 2022 को दीपा मिश्रा पति सत्य प्रकाश मिश्रा निवासी अनंतपुर को राजस्व ग्राम अनंतपुर के खसरा क्रमांक 866/3/2 में बनाए गए भवन में कम्पाउंडिंग की गई है। जबकि खसरा क्रमांक 866 का लैंडयूज सड़क व एक्सिटिंग पीएसपी के लिए है। जानकारों की माने तो खसरा नंबर में लो लैंडयूज है, उसके अनुसार यहां रहवासी भवन की भवन अनुज्ञा व कम्पाउंडिंग नहीं की जा सकती है। जिसके बाद नगर निगम के कंसल्टेंट इंजीनियर संदीप सिंह द्वारा उक्त खसरा क्रमांक के कुछ हिस्से में बने भवन में अनुज्ञा जारी करा दी गई। जिससे साफ है कि ऐसा दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर किया गया है। इसकी जांच कराई जानी चाहिए और कंपाउंडिंग निरस्त करते हुए कंसल्टेंट इंजीनियर संदीप सिंह का लाइसेंस निरस्त किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो। इस प्रकार के कई अन्य मामले भी हैं, जिसकी जांच कराई जानी चाहिए।
गूगल मैप में प्लॉट की जगह दिख रही मेड़
पूर्व प्रदेश सचिव मप्र कांग्रेस व पूर्व पार्षद रामप्रकाश तिवारी (डैडू) ने कहा कि उक्त खसरा नंबर को गूगल मैप पर देखा जाए तो वह मेड़ के आकार का है, इतना ही नहीं इसी खसरा नंबर के नीचे गूगल मैप में जलाशय भी दिख रहा है। इसे देखकर ऐसा नहीं प्रतीत होता कि इस भूमि में प्लॉट भी हो सकते हैं। इस क्षेत्र में कई सरकारी जमीनें भी हैं। यह भी जांच कराई जानी चाहिए कि इस खसरा नंबर की आड़ में कहीं सरकारी जमीनों पर तो कब्जा करके वहां मकान तो नहीं बना लिए गए।
पति के नाम आवास का आवंटन : वहीं बताया गया कि जिनके दीपा मिश्रा के नाम से भवन की कम्पाउंडिंग की गई है, जानकारी मिली है कि उनके पति सत्यप्रकाश मिश्रा के नाम से नगर निगम ने पीएम आवास के एएचपी आवास का आवंटन सुंदर नगर में कर रखा है। जबकि उनके पास शहर में खुद के दो मकान हैं, इतना ही नहीं, वह शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हैं। सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त व्यक्ति को आवास का आवंटन समझ से परे है। मामले की जांच कराई जानी चाहिए। आवास का आवंटन तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।