Unknown disease spread in this village, body is becoming disabled in no time:सीधी।जिले के जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के अन्तर्गत ग्राम भरतपुर में अज्ञात बीमारी से एक ही परिवार के दो पीढ़ी के लोग विकलांग हो गये है। अज्ञात बीमारी का पता लगाने एवं पीड़ित परिवार के अन्य सदस्यों को विकलांग होने से बचाने के लिए जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के उपाध्यक्ष ऋषिराज मिश्रा ने कलेक्टर एवं सिविल सर्जन जिला हास्पिटल सीधी को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग किये थे। जिस पर सिविल सर्जन के द्वारा संबंधित विकलांग व्यक्तियों को पत्र लिख कर जिला मेडिकल वोर्ड के सामने उपस्थित होने के लिए 3 बार नोटिस जारी की गई थी। किन्तु संबधित विकलांग व्यक्ति मेडिकल वोर्ड के समक्ष परीक्षण कराने के लिए नही आये।
इस संबंध में मीडिया को जानकारी देते ऋषिराज मिश्रा उपाध्यक्ष जनपद पंचायत रामपुर नैकिन ने बताया कि ग्राम भरतपुर निवासी राकेश पाण्डेय पिता स्व. गणेश पाण्डेय की पत्नी श्रीमती रमा पाण्डेय प्राथमिक शिक्षक माध्यमिक शाला खरहना, वर्ष 1998 में एवं भाई प्रकाश पाण्डेय जन शिक्षक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरतपुर वर्ष 2004 में अज्ञात बीमारी से विकलांग हो गये है। जबकि इसके पूर्व पूर्णतः स्वास्थ्य थे। इसी तरह अज्ञात बीमारी से राकेश पाण्डेय के पुत्र एवं पुत्री भी विकलांग हो गए हैं। राकेश पाण्डेय के पुत्र एवं पुत्री ने विकलांग कोटे से अपनी कानूनी पढ़ाई की है। जिसका प्रमाण रायपुर एवं गोहाटी असम कालेज से मिले प्रमाण से इस बात की जानकारी हुई कि राकेश पाण्डेय की दूसरी पीढ़ी भी अज्ञात बीमारी का शिकार हो कर विकलांग हो गई है।
श्री मिश्रा ने बताया कि एक जन प्रतिनिधि होने के नाते यह मेरा दायित्व बनता है कि अज्ञात बीमारी से विकलांग होने वाले परिवार की आगे की पीढ़ी को विकलांग होने से बचाया जाये। इस कारण मेरे द्वारा कलेक्टर सीधी एवं सिविल सर्जन जिला हास्पिटल सीधी को पत्र लिख कर पूरे मामले की जांच की मांग की गई है। जिससे इस बात का पता लगाया जा सके कि आखिर किस अज्ञात बीमारी के चलते एक ही परिवार के चार-चार लोग विकलांग हो गये हैं। उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन जिला हास्पिटल सीधी के द्वारा तीन बार राकेश पाण्डेय की पत्नी श्रीमती रमा पाण्डेय, भाई प्रकाश पाण्डेय एवं राकेश पांडेय की पुत्री को पत्र लिखकर जिला मेडिकल बोर्ड के समक्ष हाजिर होने के लिए पत्र लिखा गया था, किन्तु कोई भी व्यक्ति परिक्षण हेतु जिला मेडिकल वोर्ड के समक्ष प्रस्तुत नही हुये। श्री मिश्रा ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी भी संकुल प्रभारी भरतपुर को पत्र लिख कर प्राथमिक अध्यापक श्रीमती रमा पाण्डेय एवं जनशिक्षक भरतपुर को जिला मेडिकल वोर्ड मे मेडिकल परिक्षण हेतु उपस्थित होने के लिए निर्देश दिये गये थे किन्तु श्रीमती रमा पाण्डेय एवं प्रकाश पाण्डेय उपस्थित नही हुये।
उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन एवं जिला शिक्षा अधिकारी सीधी के निर्देश के बाद भी अज्ञात बीमारी से विकलांग हुये लोग मेडिकल परीक्षण केलिए सीधी नही आ रहे है। उक्त विकलांग व्यक्ति आखिर किस अज्ञात बीमारी से विकलांग हुये हैं यह मेडिकल परीक्षण के बाद ही पता चलेगा। आखिर संबंधित व्यक्ति किस डर से मेडिकल परीक्षण कराने नही आ रहे है। यह सोचनीय विषय है। आखिर कब तक अज्ञात बीमारी को छिपाते रहेगें अगर इसी तरह चलता रहा है तो इनकी तीसरी पीढ़ी भी विकलांग हो सकती है। ऋषिराज मिश्रा ने सिविल सर्जन एवं कलेक्टर सीधी से मांग की है कि राकेश पाण्डेय के घर भरतपुर मेडिकल टीम भेज कर, इस बात का पता लगाया जाये कि आखिर उनके परिवार के सदस्य कैसे विकलांग हो रहे है और उसका समुचित उपचार एवं कार्यवाही की जाये।
जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के उपाध्यक्ष ऋषिराज मिश्रा ने मुझे पत्रलिख कर श्रीमती रमा पाण्डेय पति राकेश पाण्डेय, प्रकाश पाण्डेय पितागणेशमणि पाण्डेय एवं राकेश पाण्डेय की पुत्री ग्राम सगौनी, पोस्ट भरतपुर के विकलांग प्रमाण पत्र की जांच की मांग की थी। जांच की गई तो राकेश पाण्डेय की पुत्री का विकलांग प्रमाण पत्र जिला मेडिकल वोर्ड सीधी से जारी होना पाया गया जो कि फजी थी। इस कारण मेरे द्वारा मेडिकल वोर्ड में परीक्षण कराने हेतु तीनों व्यक्तियों को दो बार पत्र लिखा किन्तु उक्त विकलांग व्यक्ति मेडिकल वोर्ड के समक्ष उपस्थित नहीं हुये। एक बार और नोटिस भेज कर मेडिकल वोर्ड के समदक्ष उपस्थित होने का अनुरोध किया जायेगा। उपस्थित नहीं होने पर विकलांग प्रमाण पत्र निरस्त करने की एक तरफा कार्यवाई की जायेगी।
डॉ. एसबी खरे, सिविल सर्जन जिला हॉस्पिटल सीधी।
जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के उपाध्यक्ष ऋषिराज मिश्रा ने कलेक्टर को पत्र लिख कर माध्यमिक शाला शिक्षक श्रीमती रमा पाण्डेय पति राकेश पाण्डेय, जन शिक्षक भरतपुर प्रकाश पाण्डेय पिता गणेशमणि पाण्डेय के मेडिकल प्रमाण पत्र की जांच कराने की शिकायत की जिस पर मेरे द्वारा संकुल प्राचार्य भरतपुर को पत्र लिख कर उक्त दोनों शिक्षकों को परीक्षण हेतु जिला मेडिकल वोर्ड में उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये थे। साथ ही सिविल सर्जन को भी पत्र लिख कर उक्त शिक्षकों के मेडिकल वोर्ड में विकलांगता का परीक्षण करने का अनुरोध किया था। आगे मुझे जानकारी नहीं है कि क्या हुआ पता कर, मेडिकल परीक्षण कराया जायेगा।
डॉ. पीएल मिश्रा
जिला शिक्षा अधिकारी सीधी