Searching for critical minerals was going on in Sidhi and Katni, gold was found in these three villages:कटनी।जिले का इमलिया गांव जो हर किसी की जुबां पर रट गया है, इसकी मुख्य वजह यह है कि खसरा नंबर 1537 की 6.5 हेक्टेयर भूमि में 3.50 लाख टन गोल्ड अयस्क मिला है। इस गोल्ड अयस्क में 20 पर मिलियन पार्टिकल्स मिले हैं। यानी एक टन अयस्क में लगभग 5 से 6 ग्राम सोना निकलेगा। यहां पर साढ़े तीन टन सोना मिलने की संभावना है। टेंडर की प्रक्रिया हो गई है। शीघ्र ही सुरंग बनाकर यहां पर खनन का काम शुरू होगा। जिले के तीन गांव में और व्यापक पैमान पर गोल्ड अयस्क होना पाया गया है। इसमें बरही, ढीमरखेड़ा व सैलारपुर-शाडार गांव शामिल हैं। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार याहं पर 5.26 पर मिलियन टन गोल्ड अयस्क होना बताया जा रहा है।
जियो लॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, मिनिरल एक्सप्लोरेनेशन कार्पोरेशन इंडिया, नेशनल मिनिरल मेटल डेवलपमेंट कार्पोरेशन की टीमों ने हाल ही में सर्वे किया है। कटनी और जबलपुर जिले की सीमा में लगे सिद्धन गांव के समीप भी सर्वे हुआ है, जहां पर बेसकीमती धातु मिलीं हैं। यहां पर मैग्नीज, बॉक्साइड, आयरनओर, कॉपर आदि की प्रचुर मात्र की प्रबल संभावना है। 2016-17 से कटनी, दमोह, जबलपुर सीमा पर बेस मेटल, बहुमूल्य धातुओं की सहित पेट्रोलियम की तलाश चल रही थी, जो पूरी होने जा रही है।
यहां पर प्रचुर मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थ का अनुमान: जिले के तीन गांव सहित पड़ोसी जिला दमोह में प्रचुर मात्रा में पेट्रोलियम पदार्थ निकलने का भी अनुमान है। 2022 में हुए सर्वे के बाद से माइनिंग कार्रवाई शुरू करने के लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जानकारी के अनुसार रीठी क्षेत्र के ग्राम शिकारपुरा, पटोहा, हाथीभार में पेट्रोलियम पदार्थ होना बताया जा रहा है। यहां पर 1471.66 वर्ग किलोमीटर में पेट्रोलियम पदार्थ निकलना है। शेष मात्रा दमोह जिले में है। यहां पर पेट्रोलियम पदार्थ की माइनिंग के लिए मेसर्स वेदांता लिमिटेड फर्म को माइनिंग के लिए एवार्ड किया गया है। हालांकि अभी यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में हैं। सिर्फ जिला खनिज विभाग से गांवाें की जानकारी मांगी गई है। कुछ ही दिनों पहले तीनाें विभागाें की एक टीम ने जिले में एक बार फिर सर्चिंग की कार्रवाई को अंजाम दिया है, जिसकी फाइनल रिपोर्ट विभागों सहित सरकार को सौंपी जाना है।
बहुमूल्य धातुओं का है खजाना
कुछ दिनाें बाद कटनी देश का प्रमुख जिला होगा, जहां की धरती दुर्लभ व बेशकीमती धातुएं उगलेगी। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने शहर की आसपास की खदानों में वनेडियम, लीथियम, टाइटेनियम, कोबाल्ट, ग्रेमियम व प्लेटिनम धातुएं पाईं हैं जो देश के लिए बहुत उपयोगी हैं। 1995 से खोज चल रही थी, जीएसआइ विभाग जी-4 लेवल पर काम शुरू करेगा। ये ऐसी धातुएं ऐसी हैं जो देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नहीं मिलतीं।
कटनी व सीधी जिला में क्रिटिकल मिनरल्स की सर्चिंग चल रही थी। कटनी में बहुमूल्य धातुएं मिली हैं, गोल्ड अयस्क के साथ कई मिनरल्स मिले हैं, जो दुनियाभर में दुर्लभ हैं। रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है। माइनिंग को लेकर बड़ा प्लान कटनी में शुरू होना है।
सुभ्रा सरकार, डिप्टी डायरेक्टर जनरल जीएसआई