रीवा। फर्जीवाड़े के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले नागरिक आपूर्ति निगम रीवा में कर्मचारियों की फिर मनमानी सामने आई है। इस बार कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा बिना अनुमति अपर कलेक्टर का डिजिटल साइन से आदेश जारी करने का मामला। जानकारी होने पर अपर कलेक्टर ने शेकॉज नोटिस जारी करते हुए दो दिन में जवाब मांगा है। साथ ही इस कृत्य को सिविल सेवा संहिता के विपरीत व स्वेच्छाचारिता करार देते हुए कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। यह वही कंप्यूटर ऑपरेटर है जिस पर अभी भोपाल टीम की जांच में मनमानी तौर पर कुछ चिंहित मिलरों को धान का आवंटन जारी करने व रैक परिवहन में गड़बड़ी का आरोप लगा है।
दरअसल नान जिला प्रबंधक देवेंद्र तिवारी को हटाए जाने के बाद नान जिला प्रबंधक प्रभार अपर कलेक्टर रीवा सपना त्रिपाठी को सौंपा गया था। एडीएम सपना त्रिपाठी ने 8 अप्रैल 2024 को प्रभार ग्रहण कर सुविधा की दृष्टि से नान के वित्त प्रबंधक टीपी डेहरिया व लेखापाल संजय सिन्हा के अनुमोदन पर कंप्यूटर ऑपरेटर 5 खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विनोद सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने 19 अप्रैल को फिर एक आदेश जारी कर नान के उपरोक्त अधिकारियों को डिजिटल साइन का उपयोग वित्ती सुविधा के अनुसार करने व साथ ही किसी गड़बड़ी के लिए वत्त प्रबंधक टीपी डेहरिया व लेखापाल संजय सिन्हा के साथ ही कंप्यूटर आपरेटर विनोद सिंह को जिम्मेदार होने को कहा था।
कोई भी नोटशीट वित्त प्रबंधक के अनुमोदन के बाद ही करने को कहा था लेकिन कंप्यूटर आपरेटर विनोद सिंह ने बिना किसी अनुमति के आदेश जारी कर दिया। लिहाजा अपर कलेक्टर ने आपरेटर विनोद सिंह नोटिस जारी किया है। आदेश में उल्लेख किया है कि आपको वित्त एवं डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग करने संबंधित समस्त कार्यों हेतु टी.पी. श डेहरिया वित्त प्रबंधक, सहायक वर्ग-03 नागरिक आपूर्ति प्र निगम, रीवा के देख रेख में कार्य करने हेतु अधिकृत किया है गया है तथा यह भी निर्देशित किया गया था कि नियम विरुद्ध 1 प्रयोग आपके द्वारा नहीं किया जाये परन्तु आपके द्वारा बिना नोटशीट पर अनुमोदन लिये ही डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग कि किया जा रहा है।
आपके द्वारा उक्त कृत्य से यह प्रतीत होता है कि आपके स द्वारा अधिकारियों के द्वारा दिये गये आदेश/निर्देश के विरुद्ध कार्य किया जा रहा है अपने पदीय निष्ठा एवं वरिष्ठ स तथा आपके द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में कव जानबूझकर लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता बरती गयी है. प जो कि म.प्र. सिविल सेवा आचरणनियम 1965 के नियम 3 (क) एवं 3 (ख) (ख) के विपरीत होकर कार्य के पालन में अशिष्टता एवं अपने पदीय संव्यवहार में विलम्बकारी व कार्यनीति का सूचक है।
अतः इस नोटिस की प्राप्ति के 02 दिवस के अन्दर आप अपना उत्तर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा उक्त लापरवाही, स्वेच्छाचारिता अशिष्टता स एवं विलम्बकारी कार्यनीति के लिये स्पष्ट जवाब न मिलने पर आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही क प्रस्तावित की जायेगी।