रीवा। सेमरिया विधायक अभय मिश्रा ने पुलिस पर आदिवासियों पर लगातार अत्याचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि एक गरीब आदिवासी को पहले सगरा पुलिस ने प्रताडि़त किया, बाद में उसे रिश्वत लेकर छोड़ा। रिश्वत घटा देने की उन्होंने सिफारिश की, जिसे भी दरोगा ने नहीं माना और अपने हिसाब से ही रिश्वत ली। बताया गया कि इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी एक पत्र लिखा है। दिए गए पत्र में आप पढ़ सकते हैं की उन्होंने किया मांग की है….
आपके संज्ञान हेतु लेख है कि वर्तमान में रीवा जिले अन्तर्गत अपराध बेलगाम एवं चरम पर है। कोरेक्स कारोबार को पुलिस का खुलेआम संरक्षण है। नशेगत अपराध से पूरा जिला त्राहि-त्राहि कर रहा है। साथ ही वर्तमान सरकार में आदिवासियों को लक्ष्य कर पुलिस द्वारा अत्याचार चरम पर है। रीवा पुलिस अधीक्षक महोदय से सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अन्तर्गत पत्र क्रमांक 238 दिनांक 26.02.2024 द्वारा के माध्यम से जानकारी चाही गई है जो आज दिनांक तक अप्राप्त है। रीवा जिले के सेमरिया थाना प्रभारी एवं नौबस्ता थाना प्रभारी के विरूद्ध पी. एच.क्यू, भोपाल को मेरे द्वारा प्रेषित अति गंभीर शिकायती पत्र में जांच किये जाने हेतु निर्देश उपरान्त भी आज दिनांक तक मेरे बयान नहीं कराये गये है।
लाईन एवं होमगार्ड के जवान/कर्मचारी अनाधिकृत तौर पर अधिकारी एवं उनके बंगलों की शोभा बढ़ा रहें है। जिले के बढ़ रहे अपराध को रोकने हेतु कोई कदम नहीं उठाए जा रहे है। कल दिनांक 01.05.2024 को रात्रि 10:30 बजे मेरे द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय को फोन कर निवेदन किया गया कि सगरा थाना अन्तर्गत मुड़ियारी के आदिवासी परिवार मे चोरी के झूठे मुकदमें के नाम पर 8000/- रूपये की मांग की जा रही है। उन्हें थाने में बिठा कर रखा गया है। कृपया 3000/- में छोड़े जाने हेतु निर्देशित करें।
किन्तु आपके आश्वासन के बावजूद आपने थाने में फोन नहीं किया एवं आदिवासी परिवार के सगरा थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक बागरी द्वारा 4000/- रूपये रिश्वत लेकर छोड़ा गया। ग्राम पंचायत सथनी निवासी सुरेश कोल एवं मोहित कोल से राशि वसूली गई है।अतः कृपया इस प्रकरण की जांच कराकर गरीब आदिवासी से वसूली गई राशि के संबंध में यथोचित कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने का कष्ट करें।