In this nursing home of Rewa, treatment is being done in the name of a deceased female doctor: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिले की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ.निशा अग्रवाल की मौत को करीब 4-5 माह बीत चुके हैं। हालांकि उनके द्वारा शुरु किए गए अग्रवाल नर्सिंग होम में अभी भी उनके नाम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इतना ही नहीं उनके नाम से मरीजों का उपचार भी किया जा रहा है। ऐसा आरोप लगाते हुए रीवा के रहने वाले प्रशांत सिंह ने सीएमएचओ से शिकायत की है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ ने अग्रवाल नर्सिंग होम संचालक को नोटिस जारी कर तत्काल बोर्ड से डॉ.निशा अग्रवाल का नाम हटाने व अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों के नाम से ही मरीज के ईलाज करने हेतु आदेशित किया है। सीएमएचओ डॉ.संजीव शुक्ला द्वारा जारी किया था लेकिन एक माह बीतने को आया इस संबंध में अग्रवाल नर्सिंग होम प्रबंधन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।
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यह है आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो शिकायत कर्ता प्रशांत सिंह ने आरोप लगाया कि डॉ.निशा अग्रवाल की मौत हुए 4-5 माह बीत चुके हैं। लेकिन संचालित अग्रवाल नर्सिंग होम व अन्य जगहों पर प्रचार-प्रसार में डॉ.निशा अग्रवाल के नाम को उपयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं यहां आने वाले मरीजों को डॉ.निशा अग्रवाल के नाम से देखा भी जा रहा है व उपचार किया जा रहा है। मृत चिकित्सक के नाम से मरीजों व उनके परिजनों को भ्रमित किया जा रहा है। जो नियमों के विपरीत है। शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया है कि सीएमएचओ के नोटिस जारी होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा अपना गोरखधंधा जारी रखा गया है, इन पर धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर होनी चाहिए।
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मनमानी पर नहीं लग सकी रोक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बता दें कि उक्त अग्रवाल नर्सिंग होम को मनमानियों के लिए ही जाना जाता है, पूर्व में भी कई बड़ी मनमानियां सामने आई, इतना ही नहीं नर्सिंग होम का लाइसेंस तक निरस्त कर दिया गया लेकिन ताला बंद होने के बाद भी संचालन शुरु रहा। अब एक बार फिर अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई कार्यवाही इस संबंध में नहीं की गई है और डॉ.निशा अग्रवाल का नाम आज भी बोर्ड पर अंकित है।
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नर्सिंग होम नहीं कर रहे नियमों का पालन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बता दें कि अग्रवाल नर्सिंग होम के साथ-साथ ऐसे कई बड़े नर्सिंग होम शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण अंचलों में हैं। जो बड़े चिकित्सकों के नाम का उपयोग कर मरीजों को भ्रमित कर रहे हैं। इतना हीं नहीं मरीजों के साथ खुली लूट नर्सिंग होम संचालको द्वारा की जा रही है। नर्सिंग होमो के नियमों का पालन न करते हुए यह मोटी कमाई कर रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौन साधे बैठे हुए हैं। चर्चा यहां तक है कि जिन्हें नर्सिंग होमो के जांच की जिम्मेदारी दी गई हैं उनके पास हर माह महीना पहुंच रहा है, जिसके चलते इनके द्वारा किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की जाती है। जिससे नियमों को ताक पर रख नर्सिंग होमो का संचालन किया जा रहा है।
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