रीवा। पढऩा लिखना अभियान के तहत केन्द्रीय जेल रीवा में निरूद्ध बंदियों को साक्षर बनाने का कार्य किया जा रहा है। वहीं वार्षिक परीक्षा में कईयों का परिणाम तो आश्चर्य में डालने वाला रहा। कई विद्यार्थियंों ने बेहतर अंक लाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियो में कई स्नातक तो वहीं स्नातकोत्तर के भी हैं। जिनमें छात्र छात्रायें दोनों शामिल हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार केन्द्रीय जेल में निरूद्ध बंदियों में जीतेन्द्र पिता लाल चंदन निवासी अनूपपुर एव ज्ञानेन्द्र शुक्ला पिता रामनिहार शुक्ला निवासी डील ने मास्टर ऑफ सोशल वर्क की परीक्षा प्रथम श्रेणी में क्रमश: 72 एवं 73 प्रतिशत प्राप्त की है।
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साथ ही 2 बंदी महता पटेल प बालचंद पटेल एवं प्रदीप कुमार पाण्डेय पिता रामायण प्रसाद पाण्डेय से (मास्टर ऑफ की पढ़ाई कर रहे हैं। इसी प्रकार केन्द्रीय जेल रीवा में स्नातक प्रथम वर्ष से कुल 10 बंदियों में परीक्षा उत्तीर्ण की है जिनके नाम ज्ञानेन्द्र सिंह पिता कमला सिंह रीवा, उदयभान सिंह पिता रामदयाल सिंह अनूपपुर, राजन हि पिता रामखिलावन सिंह, राजेन्द्र प्रसाद, अक्षय व विक्रम सिंह अजय सिंह, प्रेम सिंह गोड़ आदि हैं एवं 10 दिनों का परीक्षा परिणाम आना शेष है। साथ ही 25 बंदी स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनसार केन्द्रीय जेल रीवा के 10वीं कक्षा में 12 बंदी सम्मलित हुए थे जिसने 7 बंदियों के परीक्षा उत्तीर्ण की है जिनमें नाम अरुण कुमार द्विवेदी पिता राजेन्द्र प्रसाद दिवेदी पिता शिवनारायण सिंह गौड़, रामखिलावन सिंह पिता दोदन सिंह गौड़, रामदिनेश साल पिता जगधारी सिंह गौड़ पिता लाल सिंह गौड़, राजाराम यादव पिता मोतीलाल यादव एवं स्वामीदास लालकुका है साथ ही 10वीं कक्षा में 30 नवीन बंदियों को प्रवेश दिलाकर पढ़ाई कराई जा रही है।
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वहीं केन्द्रीय जेल में बंदी अनीस पाण्डेय पिता बिहारी पाण्डेय (मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) की पढ़ाई कर रहा है एवं दण्डित सुनील महोबिया पिता मुन्नालाल महोबिया (मास्टर ऑफ आटर््स) की पढ़ाई कर रहा है। इस प्रकार से केन्द्रीय रीवा में निरक्षर बंदियों को पढऩा-लिखना अभियान के तहत 104 बदियों की परीक्षा सम्पन्न कराई गई, जिसका परिणाम आना शेष है। साथ ही वर्तमान में 60 निरूद्ध बंदियों को नियमित साक्षर बनाया जा रहा है साथ ही 01 से 05 तक 55 को प्राथमिक कक्षा की पढ़ाई कराई जा रही है। केन्द्रीय जेल रीवा के 450 से अधिक शिक्षा से जुड़े और उनके जीवन में बदलाव देखने को मिल रहा।
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