रीवा.नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किये गये धान मिलिंग घोटाले की जांच करने भोपाल से चार सदस्यीय रीवा पहुंच गई है। जांच टीम में मनोज वर्मा जनरल मैनेजर नागरिक आपूर्ति निगम भोपाल, ओमप्रकाश सनोडिया अतिरिक्त प्रबंध संचालक वेयर हाउसिंग भोपाल, मुकेश सिंह प्रभारी कंप्यूटर नागरिक आपूर्ति निगम भोपाल एवं रजनीश राय सहायक प्रबंधक मिलिंग नागरिक आपूर्ति निगम भोपाल शामिल हैं। उक्त अधिकारियों की टीम ने कलेक्ट्रेट स्थित नागरिक आपूर्ति निगम कार्यालय पहुंच कर दस्तावेजों की जांच पड़ताल की। धान मिलिंग घोटाले की जांच करने अधिकारियों के रीवा पहुंचते ही कार्यालय में खलबली मच गई है।
जांच अधिकारियों ने पहले से निर्धारित बिन्दुओं पर जांच प्रारंभ कर दी है। गौरतलब है कि नागरिक आपूर्ति निगम में धान मिलिंग के मामले में व्यापक पैमाने पर हेराफेरी की गई जिसकी शिकायत के बाद जांच की जा रही है। इस मामले में आरोप है कि धान के 31 रैक परिवहन में अत्यधिक भ्रष्टाचार किया गया है। 31 रैंक का परिवहन आदेश रेल हेड के निकटतम गोदाम चोरहटा, पीटीएस एवं जेपी गोदाम से बनाया जाकर परिवहन अधिकतम दूरी पर स्थित स्थान मनगवां, गंगेव एवं भेडऱहा, सिरमौर में स्थित गोदामों से कराया गया है, जिसकी दूरी लगभग 60 से 80 किमी. है।
कई रैकों का परिवहन आदेश ऑनलाइन न जारी कर ऑफलाइन कराया गया है। इसके अलावा रीवा यश इण्डस्ट्रीज एवं माँ कृपा राइस मिल चोरहटा को नियम विरुद्ध तरीके से कई गोदाम की धान आरक्षित कर मिलिंग के लिए प्रदाय की गई है। पीटीएस गोदाम में माह दिसम्बर 22 में जमा हुआ चावल आज भी रखा हुआ है, उस चावल को फीफो के तहत उठाव नहीं कराया गया है। चावल 4 माह पुराना होने के कारण धीरे धीरे उसकी क्वालिटी खराब हो रही है। अब जबकि इस पूरे मामले की जांच प्रारंभ हो गई है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच के बाद क्या कार्यवाही की जाएगी और किन अधिकारियों पर इस घोटाले की गाज गिरेगी।
इनके द्वारा उठाव किये गये धान के विरुद्ध आरक्षित हेतु बैंक गारंटी /एफडीआर लगाने का आरोप है। जिले में माह फरवरी से 50 राइस मिलर से ज्यादा मिलों को धान प्रदाय नहीं की गई। उक्त दोनों राइस मिलरों के अलावा और कई राइस मिलों से फर्जी एफडीआर लिये जाने का आरोप है। वर्ष 2022-23 में अनुबंधित राइस मिलर विकास ट्रेडर्स मदरी द्वारा 3 करोड़ की फर्जी एफडीआर लगाने के कारण एफआईआर दर्ज कराके ब्लैक लिस्टेड करने के लिए डिप्टी कलेक्टर रामनिवास सिकरवार द्वारा लेख भी किया गया किन्तु उक्त राइस मिलर ने सांठगांठ कर नई फर्म पंचवटी राइस मिल के नाम से तैयार कर अनुबंध कर कार्य कराया गया। रीवा जिले में मिलरों से प्राप्त एफडीआर एवं बैंक गारंटी का सत्यापन बैंक से नहीं कराया जाकर फर्जी दस्तावेजो के आधार पर धान प्रदाय कराया गया है।