Open your eyes government! Tribal woman sarpanch is wandering: जिले के सिरमौर जनपद की सबसे चर्चित ग्राम पंचायत पिपरा में आदिवासी महिला सरपंच को आत्मदाह की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन द्वारा सचिव तो उपलब्ध करा दिये गया, लेकिन सरपंच द्वारा की गई भ्रष्ट्राचार की शिकायत की जांच 7 माह बाद भी नहीं की जा सकी है। जबकि पिपरा सरपंच अरुण कुमारी रावत की शिकायत पर संभागायुक्त कार्यालय से 26 सितंबर 22 को कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 01 रीवा को जांच के आदेश दिये गये थे।
संयुक्त आयुक्त के हस्ताक्षर से जारी आदेश में स्पष्ट लेख किया गया था कि शिकायती पत्र में अंकित बिन्दुओं की जांच कराकर 15 दिन के अंदर अभिमत सहित प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। शिकायत में आरोप था कि पिपरा में 23 लाख 73 हजार रुपये के कार्यों को बेहद घटिया तरीके से किया गया है। सरपंच अरुण कुमारी रावत ने बताया कि उसने 8 सितंबर 23 को शिकायत की थी लेकिन कुछ नहीं हुआ।
गौरतलब है कि पिपरा सरपंच अरुण कुमारी रावत ने डेढ़ साल तक लगातार संघर्ष किया और मुख्यमंत्री निवास के समक्ष आत्मदाह की चेतावनी दी तब कहीं जाकर दूसरा सचिव उपलब्ध कराया गया। सरपंच का आरोप था कि सचिव संदीप द्विवेदी की प्रताड़ना के कारण उसका खाता नहीं खुल पाया था। मुख्यमंत्री कार्यालय में आत्मदाह की चेतावनी के बाद जिपं सीईओ द्वारा दूसरे पंचायत सचिव किरण कुमारी को पदस्थ करने का आदेश दिया गया। हालांकि सत्ता के दवाब में दूसरे सचिव को हटाकर फिर से विवदित सचिव के पदस्थापना की चर्चा है।