4 new cubs were born in this tiger reserve of MP: संजय टाइगर रिजर्व का दुबरी अभ्यारण्य चार नन्हे बाघ शावकों के आने से गुलजार है। बाघिन टी 28 अपने चार बाघ शावकों के साथ दुबरी रेंज में स्वच्छंद विचरण कर रही है। जहां भी बाधिन जाती है उसके पीछे चार नन्हे शावक भी जाते हैं। चार नन्हे शावकों के चलते दुबरी अभ्यारण्य काफी आकर्षण का केंद्र बन गया है। लोग अपने कैमरों में बाघिन टी-28 एवं उसके पीछे विचरण करते चार नन्हे शावकों को कैद करने में लगे हुए हैं।
संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र के दुबरी अभ्यारण्य के अब बाघ शावकों की संख्या बढ़कर अब 12 हो गई है। मालूम रहे कि संजय टाइगर रिजर्व का दुबरी क्षेत्र बाधों की अनुकूलता के लिहाज से काफी खास है। इसी वजह से यहां सबसे ज्यादा पर्यटक बाघों का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं। बाघों की संख्या अब संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र मेंकरीब आधा सैकड़ा पहुंच चुकी है।
बाघों का कुनबा जिस तेजी के साथ दुबरी अभ्यारण्य एवं संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बढ़ रहा है। उसके चलते विभागीय अधिकारी भी काफी उत्साह में हैं। उनका मानना है कि जल्द ही संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों का कुनबा और ज्यादा बढ़ेगा। बाघों की दहाड़ से समूचा वन क्षेत्र गूंजना शुरू हो जाएगा। बाघों की संख्या ज्यादा से ज्यादा बढ़ सके इसके लिए संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं। दुबरी अभ्यारण्य एवं संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों को पर्याप्त संख्या में शिकार आसानी से उपलब्ध होता रहे इसके लिए छोटे वन्य जीवों को लगातार छोंड़ा जा रहा है। जिसके लिए बाघों को अपने शिकार के लिए ज्यादा भटकना न पड़े।
संजय टाइगर रिजर्व में समय-समय पर अन्य टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लाकर छौंड़ा जा रहा है। जिससे बाघों को पर्याप्त संख्या में शिकार के लिए वन्य जीव उपलब्ध रहें। दुबरी अभ्यारण्य में प्राकृतिक माहौल बाधों के पूरी तरह से अनुकूल है। यहां जगह-जगह कलकलाती नदियां एवं छोटे वन्य जीवों के रहवास क्षेत्र होने के कारण बाघ भी यहां अपना ठिकाना जमाए हुए हैं।
दुबरी अभ्यारण्य में बाघों की संख्या जिस रफ्तार के साथ बढ़ रही है उसके चलते विभागीय अधिकारी काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि आने वाले कुछ वर्षों में संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र अपने आकर्षक रूप में आ जाएगा और यहां वन्य जीवों का राज कायम हो जाएगा।