You will be surprised to know about these crores worth project for Kshipra River:उज्जैन। उज्जैन शहर में स्थित क्षिप्रा नदी को अविरल एवं निर्मल बनाने हेतु शासन द्वारा विभिन्न शहरों से आने वाले सीवेज के शोधन हेतु विभिन्न योजनायें स्वीकृत की गई है। उज्जैन शहर के लिये शासन द्वारा अमृत 1 योजना के अंतर्गत राशि रूपये 438.10 करोड़ का प्रावधान कर नेटवर्क निर्मित किये जा रहे हैं एवं 92 एमएलडी क्षमता का एसटीपी का निर्माण कर सीवेज शोधन का कार्य किया जा रहा है। अमृत 2.0 योजना अंतर्गत राशि रूपये 476.14 करोड़ की योजना (शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिये) स्वीकृत कर निविदा प्रक्रिया प्रचलित है। नमामि गंगे योजना के अंतर्गत राशि रूपये 92 करोड़ की योजना स्वीकृत हैं, जो शतप्रतिशत केन्द्र शासन द्वारा वित्त पोषित है।
You will be surprised to know about these crores worth project for Kshipra River:जिसमें 15 वर्षों के रखरखाव एवं संचालन संधारण शामिल हैए जिसके अंतर्गत नालों के सीवर को टैप कर 24.38 एमएलडी एसटीपी क्षमता के द्वारा शोधन किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना की निविदा प्रक्रिया प्रचलित है। इंदौर शहर में अमृत 2.0 योजना अंतर्गत राशि रूपये 568 करोड़ का प्रावधान किया गया है एवं नमामि गंगे योजना अंतर्गत राशि रूपये 511 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है, जिसकी निविदा प्रक्रिया प्रचलित है। उक्त योजनाओं के पूर्ण होने पर इंदौर शहर से निकलने वाला सीवेज मापदंडों के अनुसार उपचारित किया जायेगा।
You will be surprised to know about these crores worth project for Kshipra River:देवास शहर के लिये भी अमृत 2.0 योजना अंतर्गत राशि रूपये 68.19 करोड़ स्वीकृत हैं, जिसमें शहर से निकलने वाला सीवेज उपचारित होने के पश्चात प्रवाहित होगा। सांवेर शहर के लिये राशि रूपये 21.55 करोड़ विशेष निधि योजना अंतर्गत राज्य शासन द्वारा योजना स्वीकृत की गयी है। इस प्रकार चारों नगरीय निकायों से निकलने वाले सीवेज को उपचारित कर शोधित जल प्रवाहित किया जायेगा। उपरोक्त सभी योजनाएँ वर्ष 2027 तक पूर्ण कर ली जायेगी। क्षिप्रा नदी को निर्मल एवं अविरल बनाए रखने के लिए कान्ह नदी के सीवेज युक्त जल को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा कान्ह क्लोजडक्ट डायवर्सन परियोजना कुल लागत रूपए 480 करोड़ की स्वीकृति दिनांक 5/03/2024 को जारी की गई है। योजना में इंदौर, सांबेर एवं मांगलिया की वर्ष 2052 की जनसंख्या एवं मेला क्षेत्र की भविष्य की आवश्यकताओं का समावेश करते हुए आगामी तीन सिंहस्थ की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु कार्ययोजना तैयार की गई है।
You will be surprised to know about these crores worth project for Kshipra River:नियत एजेंसी द्वारा प्रारंभिक सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। मई 2024 से निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा। योजना को 42 माह अर्थात सितम्बर 2027 तक पूर्ण किए जाने की अवधि नियत की गई है। इस स्वीकृत योजना में ग्राम जमालपुरा में कान्ह नदी पर जमालपुरा बैराज का निर्माण कर लगभग 27 किलोमीटर लंबे तथा 4.5, 4.5 मीटर के आरसीसी डक्ट के द्वारा कान्ह नदी के प्रदूषित जल को गंभीर नदी पर निर्मित गंभीर जलाशय के डाउनस्ट्रीम में छोड़ा जाएगा। आरसीसी डक्ट की डिस्चार्ज क्षमता 40 घनमीटर प्रति सेकेण्ड (40 हजार लीटर प्रति सेकेण्ड) की होगी। आरसीसी डक्ट में चार स्थानों पर मेंटेनेंस हेतु जेसीबी एवं डम्पर के डक्ट में आने-जाने हेतु पहुंच मार्ग की सुविधा उपलब्ध होगी। नालों एवं भविष्य में विकसित होने वाली कालोनियों के सीवेज को जोडऩे हेतु 5 मीटर व्यास के 10 कुंओं का निर्माण किया जाना प्रावधानित है।
You will be surprised to know about these crores worth project for Kshipra River:वर्ष 2028 एवं वर्ष 2040 के सिंहस्थ तक 15 वर्षों का संधारण एवं संचालन नियत एजेंसी द्वारा ही किया जावेगा। डायवर्सन के अपस्ट्रीम एवं डाउनस्ट्रीम में प्रदूषित जल का परीक्षण करने तथा प्रदूषित जल के शुद्धिकरण की कार्ययोजना नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा तैयार की जा रही हैए जिसकी स्वीकृति जून 2024 में संभावित है। जल संसाधन विभाग द्वारा कान्ह नदी पर श्रृंखलाबद्ध वैराजों का निर्माण कर प्रदूषित जल को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर क्रार्ययोजना बनाई जा रही है।
You will be surprised to know about these crores worth project for Kshipra River:आगामी सिंहस्थ 2028 में आने वाले श्रृद्धालुओं कोए क्षिप्रा नदी पर सेवरखेड़ी में स्टापडेम का निर्माण कर क्षिप्रा नदी का जल सिलारखेड़ी बांध में एकत्रित किया जाकर पावन पर्वो पर क्षिप्रा नदी का एकत्रित जल वापस क्षिप्रा नदी में छोड़ा जाकर, क्षिप्रा नदी के ही शुद्ध एवं पवित्र जल से पावन पर्वो पर स्नान करवाए जाने की कार्ययोजना बनाए जाने हेतु तकनीकी सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। कार्ययोजना की स्वीकृति माह अगस्तए 2024 तक जारी होना संभावित है।
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