Coal theft could not be controlled in Shahdol:शहडोल। जिले में कोयला चोरी पर लगाम लगता नहीं दिख रहा है। कारण स्थानीय पुलिस अमले का कोल माफियाओं को खुला संरक्षण देना है। इसी के चलते जिले में खुलेआम कोयले का अवैध व्यापार चल रहा है। बताते चलें कि कोयला और एसईसीएल की परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए बाकायदा सीआईएसएफ कंपनी को जिम्मेदारी सौंप गई है लेकिन यह सुरक्षा कंपनी हाथी का दांत साबित हो रही है जिसे सिर्फ देखा जा सकता है कोई उपयोग नहीं है।
Coal theft could not be controlled in Shahdol:सीआईएसएफ कंपनी के कर्मचारियों की मौजूदगी के बावजूद कोल माफिया के लोग स्थानीय गरीब, ग्रामीण मजदूर महिलाओं, बच्चों की जान जोखिम में डालकर कोयला संग्रहण और चोरी की वारदात को अंजाम देते रहे हैं जिसे रोकने की दिशा में अब तक कोई भी कारगर उपाय नहीं किया जा सके हैं। यदि प्रबंधन चाहे तो पुलिस विभाग का सहयोग भी ले सकता है लेकिन पता नहीं क्यों बड़ी-बड़ी चोरियां हो जाने के बाद भी एसईसीएल का सोहागपुर कोयलांचल प्रबंधन पुलिस थाने में रपट लिखने से गुरेज करता देखा गया है जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि कोल माफिया और प्रबंधन के बीच कहीं ना कहीं कुछ गठबंधन जरूर है जिसके चलते एसईसीएल को हर साल लाखों करोड़ों रुपए की चपत लग रही है। एसईसीएल सोहागपुर एरिया क्षेत्र अंतर्गत अमलाई ओसीएम खदानों में सीआईएसएफ की तैनाती सुरक्षा रखरखाव के लिए तैनात की गई है। इसके साथ ही कोयला चोरी की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है।
Coal theft could not be controlled in Shahdol:आलम यह है कि प्रबंधन द्वारा कोयला चोरी रोकने के प्रयास तो किए जा रहे हैं लेकिन चोरी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अमलाई ओसीएम से जुड़े सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि खदान में ओबी मशीन चलाने वालों को डर बना रहता है कि कोयला चोरी करने वाले कहीं मशीन के नीचे न जाएं। कोयला चोरी का वीडियो देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि चोरी किस कदर हो रही है। उधर प्रबंधन के के द्वारा धनपुरी थाना में एक शिकायती पत्र देते हुए कहां है कि खदान में बाहरी लोग जंगल के रास्ते प्रवेश कर जाते हैं और ओवी डंप स्थल मिट्टी पहाड़ पर चढ़कर मिट्टी में कोयले के छोटे-छोटे टुकड़े निकलते हैं काफी संख्या में महिलाएं पुरुष, बच्चे गीली मिट्टी में चढ़ जाते हैं और कोयला के टुकड़ों को बोरी में भरकर तय स्थलों में बेच देते हैं।
Coal theft could not be controlled in Shahdol:जिससे कभी भी मिट्टी में दब जाने से बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है। पूर्व में भी छुटपुट दुर्घटनाएं घटित हो चुकी है। अगर किसी तरह की दुर्घटना होती है तो मैनेजमेंट की जिम्मेदारी नहीं होगी। आखिर वह भी मिट्टी के दबाने दुर्घटना कौन जिम्मेदार होगा। सीआईएसएफ सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी लगाई जाती है। अगर किसी तरह की अनहोनी होती है।
ओबी में कोयला की छंटाई का हो रहा कार्य
Coal theft could not be controlled in Shahdol:कोयला चोरी की घटना में शामिल लोगों के हौसले दिनों-दिन बुलंद होते जा रहे हैं। ओबी निकलने के बाद खदानों में ओबी डंप यार्ड मे जैसे ही डोजर ओवी लेकर पहुंची और डंप करती है, जिसमें ओबी मिट्टी के साथ कोयला के छोटे-छोटे टुकड़े काफी संख्या में मिट्टी के साथ गिरा दिया जाता है। उस कोयले को उड़ाने चोरी करने वाले काफी संख्या में लोग एकत्र रहते हैं और कोयले को बोरी में भरकर निकल जाते है।ं इस तरह से कोयला चोरी में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। सुबह-सुबह काफी संख्या में कोयला चोर देखे जाते हैं। कोयला निकालने के बाद खदानों से जुडी पगडंडी रास्तों से कोयला चोर खदान से प्रवेश करते हैं और चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं। कोयला चोरी की तादाद भी काफी ज्यादा होती है क्योंकि कई लोग एक साथ मिलकर खदान के अंदर घुसते हैं और कोयला चोरी में शामिल होते हैं। कहने को तो यहां पर सीआई एसएफ के गार्डों की तैनाती होने के बाद भी चोरी पर अंकुश नहीं लग रहा है। खदानों के प्रमुख स्थानों पर गार्ड की व्यवस्था होने के बाद भी अमलाई खुली खदान ओबी डम्पिंग यार्ड से दिनदहाड़े कोयला चोरी दिन दहाड़े हो रही है चोरी का सिलसिला बदस्तूर जारी है। चोरी एवं अन्य आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एसईसीएल एवं एरिया प्रबंधन द्वारा नियुक्त गार्डों का अमला हाथी का दांत साबित होता नजर आ रहा है क्योंकि सिक्योरिटी है तो जरूर लेकिन वह किसी काम की नहीं यही वजह है कि चोर बेखौफ चोरी कर रहे हैं और उन पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है।