रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के 50 दैनिक वेतनभोगी कॢमयों को स्थाईकर्मी घोषित किया गया है। इस बाबत विश्वविद्यालय ने विगत सप्ताह आदेश जारी किए हैं। विश्वविद्यालय की इस सकरात्मक कार्यवाही से 8 दैवेभो कर्मचारी वंचित रह गए। इन 8 कर्मचारियों को स्थाईकर्मी का लाभ नहीं मिला, जिसके चलते संबंधित दैवेभो कर्मी व उनके परिजन मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। इधर, विश्वविद्यालय प्रशासन इस संबंध में फिर से शासन के किसी आदेश की प्रतीक्षा कर रहा है। बहरहाल, मामले को लेकर गत दिवस मप्र विश्वविद्यालयीन गैर शिक्षक कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष राकेश सिंह गुर्जर व प्रांतीय महासचिव लखन सिंह परमार ने विश्वविद्यालय कुलपति से भेंट की। महासंघ के उक्त पदाधिकारियों ने शेष 8 दैवेभो कर्मियों को स्थाई घोषित करने की मांग कुलपति से की। साथ ही पदाधिकारियों ने उज्जैन विश्वविद्यालय में वर्ष 2016 तक नियुक्त हुए दैवेभो कर्मियों के स्थाई घोषित होने की जानकारी कुलपति को दी। इस पर कुलपति ने संबंधित आदेश की प्रति पदाधिकारियों से मांगी और कहा कि उक्त आधार पर रीवा विश्वविद्यालय भी आदेश प्रसारित कर सकता है। इस दौरान विश्वविद्यालय कुलसचिव डॉ सुरेंद्र ङ्क्षसह परिहार व न्यू कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष रमेश मिश्रा भी मौजूद रहे।
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nन्यू कर्मचारी संगठन ने सौंपा ज्ञापन
nन्यू कर्मचारी संगठन ने बुधवार को कुलपति को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उज्जैन विश्वविद्यालय का संबंधित आदेश संलग्न किया गया। ज्ञापन में संगठन ने पुन: बताया कि शासन द्वारा जारी 7 अक्टूबर 2016 के आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि वर्ष 2007 से 2016 तक नियुक्त हुए समस्त दैवेभो कर्मियों को स्थाई कर्मी घोषित किया जाये। उसके बाद जारी हुए आदेश में भी उक्त पंक्तियों को दोहराया गया है। फिर भी विश्वविद्यालय ने वर्ष 2012 के एक आदेश का हवाला देकर शासन के बाकी आदेशों की अनदेखी कर दी। संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि शेष सभी दैवेभो कर्मियों को भी स्थाईकर्मी घोषित किया जाये। बता दें कि विश्वविद्यालय के 58 दैवेभो कर्मियों को स्थाईकर्मी बनाने का आदेश अक्टूबर 2016 में मप्र शासन ने जारी किया था। उसके बाद से अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन उक्त प्रकरण में काफी चिंतनशील रहा है।
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nपेंशनर्स को अब 201 प्रतिशत मिलेगा डीए
nउल्लेखनीय है कि दैवेभो कर्मियों को स्थाईकर्मी घोषित करने की मांग सहित 9 सूत्रीय मांगों लेकर कर्मचारियों ने विगत माह चरणबद्ध आंदोलन किया था। इस क्रम में राज्य शासन ने विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियों को भी राहत दी है। शासन ने इन विश्वविद्यालय पेंशनर्स को छठवें वेतनमान में 201 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय की स्वीकृत प्रदान कर दी है। इस संबंध में राज्य शासन ने गत दिवस आदेश जारी कर दिए। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को 10 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष शासन के कारपस फंड में जमा करने होंगे। शासन द्वारा जारी उक्त आदेश को लेकर प्रांतीय उपाध्यक्ष अशोक कामत, संयुक्त सचिव इंद्र कुमार परौहा, न्यू कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष रमेश मिश्र, प्रो कालिका यादव ने प्रसन्नता व्यक्त की है।
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