वीरेंद्र सिंह सेंगर(बबली), रीवा। एक ओर पुलिस और आबकारी अमला अवैध नशे के विरुद्ध कार्रवाही किये जाने का राग अलापता है तो वहीं दूसरी ओर चढ़ोतरी का वशीभूत होकर तस्करों को संरक्षण देता है। दोनो ही विभाग का असली चेहरा तब उजागर हुआ जब सजायाफ्ता गांजा तस्कर को संरक्षण देते हुए अपने बगल में बैठाने लगे। हद तो तब हो गई जब नईगढ़ी टीआई ने अपने दो चहेते आरक्षक मनीष और सूरज को गांजा तस्कर को मददगार के रूप में पेश कर दिया। स्थानीय सूत्र बताते है कि नईगढ़ी थाना क्षेत्र में होने वाली गांजा बिक्री की ठीहों के संचालकों से दोनो पुलिसकर्मी सजायाफ्ता गांजा तस्कर से हाथ मिलवा रहे है। हद तो तब हो गई जब जिला आबकारी कार्यालय में हुई शराब ठेकेदारो की बैठक मेंसजायाफ्ता गांजा तस्कर सत्येंद्र उर्फ पिंटू जा पहुंचा। वहां बैठे शराब ठेकेदार गांजा तस्कर को देख अचंभित रहे लेकिन कुर्सी पर बैठे जिला आबकारी अधिकारी गांजा तस्कर को देख मंद-मंद मुस्कराते रहे।
शातिर गांजा तस्कर अपने कारोबार को बढ़ाने शराब के कारोबार का आड़ लेकर नईगढ़ी पहुंचा। पहले तो उसने टीआई को साधा फिर पुलिस कर्मियों के चढोतरी का आंकलन कर साध लिया। पुलिस को अपना गुलाम बना कर नईगढ़ी से शराब की तस्करी का खेल शुरू कर दिया। बताया जाता है कि उसकी अवैध शराब की खेप देवतालाब, मऊगंज, हनुमना, गढ़, कटरा तक होने लगी है। हालात यह है कि दुकान में शराब का हमेशा टोटा ही लगा रहता है।
खून के कातिल को अपनो ने ही दे दी पनाह
गांजा तस्कर सत्येंद्र उर्फ पिंटू के साथ कई शातिर तस्कर जुड़े हुए है जिनका कारोबार ही नशीली कफ सिरफ एवं गांजा, शराब की तस्करी करना है। अशोक चौरसिया, सोनू कबाड़ी जैसे शातिर बदमाशों की टोली है। बताते चले कि सोनू कबाड़ी मुखबिरी के संदेह में पथरहा गांव में एक क्षत्रिय समाज के मासूम की निर्मम हत्या की थी। आश्चर्य की बात यह है कि अपने ही समाज के मासूम की हत्या करने वाले कातिल सोनू कबाड़ी के साथ नईगढ़ी क्षेत्र के कुछ क्षत्रियो ने गांजा तस्कर की दांस्ता स्वीकार कर ली। जिसके कारण मासूम के कातिल सोनू कबाड़ी के हौसले इतने बढ़ गये कि हाल ही में आबकारी टीम के सामने ही बेला गांव निवासी वीरेंद्र सिंह के साथ मारपीट की।