Loksabha Chunav 2024: रीवा। लोकसभा चुनाव की तैयारी चल रही है। इस सिलसिले में आरटीओ विभाग द्वारा जबरन निजी वाहनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। मामले को लेकर बुधवार को मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 3 के सामने जमकर हंगामा हुआ। करीब दो-तीन वाहन के मालिकों ने जमकर आरटीओ के कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाई। वाहन मालिकों का आरोप था कि आरटीओ के कर्मचारी बिना पूछे निजी वाहन रोकवा लेते हैं और जबरन एक कागज में हस्ताक्षर करवाते हैं। इस कागज में निर्वाचन अधिकारी के हस्ताक्षर से उल्लेखित है कि आपका वाहन लोकसभा चुनाव अप्रैल 2024 के लिए अधिग्रहित किया जा रहा है। वाहन उपलब्ध न कराने की दशा में दण्डात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी जा रही है। गौरतलब है कि आगामी 26 अप्रैल को जिले में लोकसभा चुनाव का मतदान होना है। इस लिहाज से निर्वाचन आयोग की तैयारी चल रही है। अधिकारी-कर्मचारी व ईवीएम मशीन को ढोने के लिए अभी तक आरटीओ व प्रशासन टैक्सी परमिट वाहनों का अधिग्रहण करता था लेकिन इस बार निजी वाहनों को भी मनमानी पूर्वक अधिग्रहित किया जा रहा है। इसके लिए वाहन स्वामी से कोई अनुमति नहीं ली जा रही। यदि किसी वाहन में मालिक नहीं, उसका ड्राइवर है, तो उसके भी हस्ताक्षर करवाकर आरटीओ वाले खानापूर्ति कर रहे हैं।
यह लिखा है पत्र में
आरटीओ कर्मचारियों द्वारा जो पत्र वाहन मालिकों को थमाया जा रहा है, उसमें उल्लेखित है कि मतदान व्यवस्था हेतु वाहनों की आवश्यकता है। अत: लोक सेवा प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 168 तथा मप्र शासन विधि एवं विधायी कार्य विभाग की अधिसूचना क्रमांक 2784/244/71/1-ए-दिनांक 18 फरवरी 1971 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नांकित विवरण अनुसार वाहनों का अधिग्रहण किया जाता है। वाहनों का फिटनेस एवं बीमा वैध होना अनिवार्य है। आगामी 22 अप्रैल को फुल टैंक डीजल भराकर वाहन चालक समेत वाहन उपलब्ण्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया है। अब यहां प्रश्न यह है कि जिस वाहन मालिक के पास फुल टैंक डीजल या पेट्रेाल भराने के पैसे न हो और वाहन चालक रखने के पैसे न हो, तो वह दण्डात्मक कार्यवाही का हकदार हो जाये। या फिर मुर्दा के जैसे सिर झुकाये प्रशासन के हर आदेश का पालन करता रहे।
बच्चों को कुछ हुआ तो उसका जिम्मेदार कौन?
बुधवार को तिराहा में हंगामा कर रहे लोगों का कहना है कि घर में एक वाहन है, उसे भी प्रशासन को दे देंगे तो हम लोग क्या करेंगे। इसी तरह सीधी से बच्चों को बसामन मामला टूर पर ले जा रही बोलेरो वाहन को भी रोक लिया गया, जिस पर महिला ने जमकर हंगामा किया। सतना से बच्चे के उपचार के लिए रीवा चार पहिया वाहन से आए लोग भी वाहन अधिग्रहण करने पर परेशान दिखे। छोटे-छोटे बच्चों को उतार कर वाहनों को अधिग्रहित करने पर एक महिला फूट पड़ी। उसने प्रशासन पर जबरन वाहन अधिग्रहण का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर इन बच्चों को कुछ हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
अखबार ढोने वाले वाहन चालकों को दिखा रहे हेकड़ी
आरटीओ द्वारा उन वाहनोंं को भी रोका जा रहा था, जिसे प्रशासन की तरफ से ही अखबार ढोने की अनुमति मिली है, उन्हें वर्दी का खौफ दिखाते हुए वाहन अधिग्रहण के नाम पर रोज प्रताडि़त जा रहा है। आये दिए इस तरह का तमाशा आरटीओ के कर्मचारी मार्तण्ड तिराहा में खड़े होकर कर रहे हैं। एक वाहन स्वामी ने बताया कि माता जी को डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने एक हफ्ते बाद बुलाया। अब एक हफ्ते बाद प्रशासन वाहन अधिग्रहित लेगा तो हम माताजी का इलाज कैसे करायेंगे। इस बारे में न तो कोई पूछ रहा है, हम बता रहें तो कोई सुन भी नहीं रहा है।
चुनाव ड्यूटी में जबलपुर जा रहे अधिकारी घंटों रहे परेशान
निजी वाहन से चुनाव ड्यूटी में जबलपुर पनागर जा रहे अधिकारी के वाहन को भी बुधवार को परिवहन अमले ने मार्तण्ड तिराहे पर रोक लिया। अधिकारी सत्यनारायण पाठक ने मनमानी कार्रवाई पर आक्रोश जताते हुए कहा कि एक घंटे से अधिक समय से वाहन को रोक के रखा गया है, उन्हें रिपोर्टिंग टाइम पर समय में पहुंचना है, समय पर नहीं पहुंचे तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
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