nरीवा। क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, रीवा व शहडोल सम्भाग उच्च शिक्षा की कुर्सी को लेकर फिर संशय की स्थिति बन गई है। शासकीय इंदिरा गांधी गृह विज्ञान कन्या महाविद्यालय शहडोल की प्राचार्य डॉ ऊषा नीलम ने एडी रीवा का प्रभार लेने से मना कर दिया है, जिन्हें एडी रीवा का प्रभार देने विगत 30 जून को मप्र शासन उच्च शिक्षा ने आदेश जारी किया था। इस आदेश का पालन करने में डॉ नीलम द्वारा असमर्थता प्रकट की गई है। इस बाबत डॉ नीलम ने विभाग के अवर सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में डॉ नीलम ने स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी दी है। साथ ही, सेवानिवृत्त हो चुके अपने पति की अस्वस्थता का जिक्र भी किया है। ऐसी स्थिति में 200 किलोमीटर की यात्रा करने पर स्वास्थ्य पर बुरा असर पडऩे की आशंका उन्होंने जताई है। उक्त कारणों का हवाला देते हुए डॉ नीलम ने एडी रीवा का प्रभार लेने में असमर्थता व्यक्त की है। डॉ नीलम के इस पत्राचार के उपरांत अब शासन के नवीन आदेश की प्रतीक्षा एडी रीवा कार्यालय द्वारा की जा रही है।
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n30 जून से बनी गफलत की स्थिति
nउल्लेखनीय है कि पिछले ढाई वर्ष से एडी रीवा रहे डॉ पंकज श्रीवास्तव विगत 30 जून को सेवानिवृत्त हुए थे। इस दौरान उन्होंने मॉडल साइंस महाविद्यालय के डॉ ज्ञानप्रकाश पाण्डेय को वरिष्ठता के आधार पर एडी रीवा का दायित्व सौंप दिया था। उधर, 30 जून को ही देर शाम तक मप्र शासन का उक्त आदेश आ गया, जिसमें डॉ ऊषा नीलम को एडी रीवा का प्रभार दिया गया। इस प्रकार एक दिन में उक्त आदेश होने से गफलत की स्थिति बन गई। अब सोमवार को भी गफलत की यथास्थिति रही।
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nपुन: जारी होगा संशोधित आदेश
nबता दें कि एडी रीवा की कुर्सी सम्भालने पर कोई अतिरिक्त भत्ता सरकार द्वारा नहीं दिया जाता। और न ही कोई ऐसे अधिकार मिलते हैं, जिसमें ज्यादा लूटखसोट की व्यवस्था बन सके। उल्टे ढेरों शिकायतों का निराकरण, सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण व न्यायालयीन प्रकरण अधिकारियों का सिरदर्द बने रहते हैं। सम्भवत: एक वजह यह भी है कि कोई अधिकारी एडी रीवा की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहता। वरिष्ठता के आधार पर जीडीसी रीवा की प्राचार्य डॉ नीता सिंह को एडी रीवा का प्रभार मिलना चाहिए परंतु उन्होंने भी प्रभार लेने से मना कर दिया है। ले-देकर फिलहाल सुई डॉ ज्ञानप्रकाश पाण्डेय पर ही टिकी हुई है, जिनके प्रभार संबंधी आदेश अब विभाग से भी जारी होने की सम्भावना बन गई है।
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