सीधी. जिला शिक्षा विभाग के माध्यम से पैसे के दम पर अपात्रों को प्रभारी प्राचार्य बनानें का कार्य फिर से शुरू हो गया है। छात्राओं के साथ अशलता करने वाले चर्चित शिक्षक को भी फिर से प्राचार्य का प्रभार देने में कोई गुरेज नहीं किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. प्रेमलाल मिश्रा द्वारा नियम विरुद्ध आदेश निकालने में पूरी तरह से आमादा नजर आ रहे हैं। मालूम रहे कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खड्डी में पूर्व में भी धीरेन्द्र कुमार सिंह प्रभारी प्राचार्य रह चुके हैं। उस दौरान प्राचार्य के छात्रा के साथ अश£ील बातें करने का ऑडियो सामने आया था। छात्रा के लगातार आपत्ति के बाद भी प्राचार्य उससे मोबाईल पर बात कर रहे थे। छात्रा ने जब इसकी शिकायत अपने पिता से की तो उनके द्वारा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग से करते हुए ऑडियो क्लिप सौपी गई थी।
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शैक्षणिक सत्र 2021-22 में कक्षा 12वीं की छात्रा के साथ प्राचार्य द्वारा अश£ीलतापूर्ण बात की जा रही थी। छात्रा के पिता द्वारा उस दौरान वरिष्ट अधिकारियों के साथ ही मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजी गई थी। जिसके बाद प्राचार्य के विरुद्ध कार्रवाई होने के साथ ही उन्हें प्रभारी प्राचार्य के पद से हाथ धोना पड़ा था। अब फिर से जिला शिक्षा अधिकारी सीधी द्वारा छात्रा के साथ अश£ीलतापूर्ण बात करने वाले शिक्षक को खड्डी विद्यालय के प्राचार्य का प्रभार सौंपने का आदेश जारी कर दिया गया है।
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जिला शिक्षा अधिकारी सीधी द्वारा आदेश क्रमांक/3763/स्था.1/ प्रभार/2023, दिनांक 14 जुलाई 2023 द्वारा आदेश जारी किया गया है। आदेश में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खड्डी के प्रभारी प्राचार्य प्रदीप कुमार पटेल के विरुद्ध जांच में पाई गई अनियमितताओं पर उन्हें हटाने एवं संकुल अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पैपखरा में कार्यरत माध्यमिक शिक्षक धीरेन्द्र कुमार सिंह को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खड्डी के प्रभारी प्राचार्य का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। यह आदेश जारी होते ही समूचे शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी भी हैरत में हैं कि जिस शिक्षक पर छात्रा के साथ अश£ीलता के गंभीर आरोप पर कार्रवाई की गई थी। उसे फिर से कैसे प्रभारी प्राचार्य बनाया जा सकता है।
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जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय की यह परंपरा बन चुकी है कि जो भी शिक्षक अपने स्कूल में संस्था प्रमुख का प्रभार लेना चाहता है वह यहां के सौदेबाजी को पूरा करते हुए सभी नियमों को ताक पर रखकर प्रभार आसानी से ले सकता है। इस तरह के आरोप पूर्व में भी लगते रहे हैं। यही परंपरा अब भी बनी हुई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार संस्थाओं में कई वरिष्ट शिक्षकों के मौजूद रहने के बावजूद कनिष्ट शिक्षकों को प्रभार दिया जा रहा है। यही हाल शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खड्डी का भी है। यहां कई वरिष्ट शिक्षकों के संकुल में पदस्थ होने के बाद भी माध्यमिक शिक्षक को ्रप्राचार्य का प्रभार सौंप दिया गया है।
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माध्यमिक शिक्षक धीरेन्द्र कुमार सिंह पूर्व में भी दो विद्यालयों के प्रभारी प्राचार्य रहे हैं। अब फिर से उन्हें यही जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीधी जिले में दर्जनों ऐसी हायर सेकेण्ड्री, हाई स्कूल हैं जहां वरिष्ट शिक्षकों की वजाय कनिष्ठ शिक्षकों को संस्था प्रमुख का प्रभार सौंपा गया है। कनिष्ठ शिक्षकों को संस्था प्रमुख का प्रभार मिल जाने के बाद देखा जा रहा है कि वह नियमों का पालन करनेंं में भी पूरी तरह से स्वेच्छाचारी होते हैं। नियम के विरुद्ध उनको प्रभार मिलने के कारण वह हर कार्य को नियम विरुद्ध करने के आदी हो चुके होते हैं।
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इस तरह की शिकायतें दर्जनों विद्यालयों में बनी हुई है। जिसकी जांच के नाम पर भी विभागीय अधिकारी मनमानी जांच प्रतिवेदन सौंपते हैं और उसी पर निर्णय सुविधा शुल्क लेकर कर लिया जाता है। जानकारों के अनुसार कुछ सालों के अंदर शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले विद्यालयों की छवि शिक्षकों के मनमानी आचरण के चलते काफी दागदार हुई है। विद्यालयों की छवि सही रहे इसको करने की जरूरत बड़े अधिकारी भी नहीं समझते। सबकुछ मनमानी पूर्ण तरीके से हो रहा है।
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nशासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खड्डी की व्यवस्थाएं पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी थी। संबल योजना के तहत पात्र छात्रों को लाभ नहीं मिल पा रहा था। जांच में कई तरह की अनियमितताएं मिली थी। इस वजह से प्राचार्य को हटाकर अब प्रभारी प्राचार्य के रूप में धीरेन्द्र कुमार सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। धीरेन्द्र कुमार सिंह पर पूर्व में जो आरोप लगे थे कोर्ट ने उनको निर्दोष बरी किया है। ऐसे में उनके ऊपर वर्तमान में कोई आरोप नहीं माना जा सकता।
nप्रदीप शुक्ला
nजिला पंचायत सदस्य खड्डी
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nजिला शिक्षा अधिकारी द्वारा यदि कनिष्ठ व बदनाम शिक्षक को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खड्डी का प्रभार दिया गया है तो यह नियम विरुद्ध है। जिला पंचायत की शिक्षा समिति की बैठक शीघ्र बुलाकर शिक्षा की बेहतर व्यवस्था करानें का प्रयास करूंगा। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जो भी गलत आदेश का अपात्रों को उपकृत करनें का आदेश जारी किया गया होगा तो उसे निरस्त कराया जाएगा। शिक्षा की बेहतर व्यवस्था बनाना मेरी पहली प्राथमिकता है।
nश्रीमान सिंह, उपाध्यक्ष
nजिला पंचायत सीधी