सीधी.लोकसभा सीधी के चुनाव के प्रचार की सरगर्मी अब तेज हो चुकी है। सभी प्रत्याशी अपनी पूरी ताकत मतदाताओं को रिझाने में झोंकने लगे हैं। प्रत्याशियों की मंशा है कि वह ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को अपने पक्ष में कर सकें। राजनैतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी को अपने नेताओं से खतरा होने की संभावना निर्मित हो रही है। कुछ नेताओं का प्रचार-प्रसार महज दिखने तक ही सीमित है। वास्तविक रूप से वह भाजपा प्रत्याशी के न तो समर्थन में हैं और न ही उनके द्वारा अपने क्षेत्र में ही चुनावी प्रचार-प्रसार का काम किया जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र धौहनी, चुरहट एवं सिहावल में भाजपा की स्थिति दयनीय दिख रही है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि केंद्र एवं प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद आखिर जन समर्थन को लेकर लोकसभा क्षेत्र सीधी के कुछ स्थानों में आखिर जनाधार कमजोर कैसे सामने आ रहा है।
तत्संबंध में भी जानकार सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे भाजपा के ही कई नेताओं का हांथ है। देखने के लिए तो वह साथ में नजर आते हैं लेकिन पर्दे के पीछे से उनकी कुछ और ही रणनीति चल रही है। वह नहीं चाहते कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति मजबूत रहे। विधानसभा क्षेत्र धौहनी के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां आदिवासियों के वोट में तेजी से सेंधमारी की जा रही है। आदिवासी वोटर जो कि भाजपा के परंपरागत वोट बैंक बने हुए थे उनको अलग करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी वजह से काफी संख्या में आदिवासी वोटर यहां संशय की स्थिति में फंसे हुए हैं। यहां चुनाव प्रचार के दौरान यह प्रयास किया जा रहा है कि भाजपा से उनकी दूरी बढ़े। इसी तरह चुरहट एवं सिहावल क्षेत्र में भी राजनैतिक समीकरण भाजपा के विपरीत बनाने के प्रयास काफी तेजी से शुरू हो चुके हैं। इन सबमें भाजपा के कुछ नेताओं का हांथ भी बताया जा रहा है। जिनके द्वारा पर्दे के पीछे से भाजपा के वोटरों को भ्रमित किया जा रहा है।
भाजपा के परंपरागत वोटरों को तोडऩे के लिए तीनों हो विधानसभा क्षेत्रों में इस बार तरह-तरह के प्रयोग आजमाए जा रहे हैं। प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों का समर्थन करने के लिए भाजपा के कुछ नेताओं का नाम भी काफी चर्चित हो रहा है। बताया गया है कि भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव में साजिश करने वाले कई नेता चुनाव प्रचार को लेकर सामने से तो काफी अग्रिम पंक्ति में देखे जा रहे हैं लेकिन उनके द्वारा पीछे से भाजपा समर्थकों को ही भ्रमित किया जा रहा है। भाजपा के परंपरागत वोटरों को लोकसभा चुनाव में तोडऩे के लिए तरह-तरह के हथकंडे भी अपनाए जा रहे हैं।
जिसकी वजह से भाजपा का परंपरागत वोटर कई स्थानों में खुद को काफी भ्रमित पा रहा है। यदि इसी तरह की स्थिति मतदान दिनांक के पहले तक बनी रही तो निश्चित ही तीन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के जनाधार पर काफी असर पडऩा लाजिमी है। जानकारों का कहना है कि पर्दे के पीछे से जिस तरह के हथकंडे शुरू किए गए हैं उसकी जानकारी भाजपा के कुछ बड़े नेताओं को भी हो चुकी है। इसी वजह से भाजपा के समर्थकों को चुनाव में फिर से लामबंद करने के लिए विशेष कार्ययोजनाएं तय की जा रही हैं। जरूरत पडऩे पर जिन स्थानों में भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी हो रही है वहां की जिम्मेदारी अन्य नेताओं को सौंपी जा सकती है। लोकसभा क्षेत्र सीधी के बड़े हिस्से में भाजपा के वोट बैंक को तोडऩे के जो प्रयास शुरू किए गए हैं उसको लेकर काफी चर्चाएं भी हो रही हैं। चर्चाओं में यह कहा जा रहा है कि जिन लोगों को प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई है उनमें से कई बेवफा हो रहे हैं।
लोकसभा सीधी के चुनाव में 8 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को मतदान करना है। सीधी जिले की विधानसभा क्षेत्र सीधी, सिहावल, चुरहट, धौहनी एवं सिंगरौली जिले के विधानसभा क्षेत्र देवसर, चितरंगी, सिंगरौली तथा शहडोल जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यौहारी के मतदाता लोकसभा चुनाव में मतदान करेंगे। लोकसभा क्षेत्र सीधी का क्षेत्रफल काफी बड़ा होने के कारण सभी प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार में दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। सभी विधानसभा क्षेत्रों के गांव-गांव में मतदाताओं के बीच प्रत्याशियों का पहुंच पाना संभव नहीं है। दोपहर में भीषण गर्मी का असर रहने के कारण चुनाव प्रचार का काम भी काफी सुस्त हो जाता है। इसी वजह से अधिकांश प्रत्याशी एवं समर्थक चुनाव प्रचार का काम सुबह एवं शाम के समय ज्यादा कर रहे हैं।
बड़े दलों के बीच चुनाव प्रचार को लेकर ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है। जहां प्रत्याशी नहीं पहुंच रहे हैं वहां उनके समर्थक चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रहे हैं। बड़े दलों के प्रत्याशी भी सभी विधानसभा क्षेत्रों में अपनी दस्तक चुनाव प्रचार को लेकर दे चुके हैं। प्रत्याशी भी कई ग्राम पंचायत क्षेत्रों में जन संपर्क के लिए पहुंच चुके हैं। अभी उनका पहुंचना जिन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में संभव नहीं हुआ है वहां के लिए भी प्रत्याशियों का भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित किया जा रहा है। प्रत्याशी दो-तीन दिन सीधी जिले तो फिर इसी तरह सिंगरौली जिले में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हफ्ते में एक-दो दिन ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में भी बड़े दलों के प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार चल रहा है। लोकसभा सीधी का क्षेत्र काफी बड़ा होने के कारण छोटे दलों एवं निर्दलीय प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार लगभग न के बराबर दिख रहा है। यह अवश्य है कि इनके पास इतने बड़े क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के लिए सुविधाओं का भी काफी अभाव है।