Illegal excavation takes place in these ghats of Son river in the dark of night: सीधी. जिले के अमिलिया अंचल में सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य क्षेत्र से रेत का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति यह है कि रात के अंधेरे में रेत का काला कारोबार सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है और जिम्मेदार महकमों का अमला पूरी तरह से मूकदर्शक बना हुआ है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य में रेत माफियाओं का अवैध कब्जा रात के अंधेरे में पूरी तरह से रहता है। इनके हौंसले इतने बुलंद हैं कि यदि ग्रामीण विरोध करने का साहस जुटाते हैं तो वह मारपीट पर आमादा हो जाते हैं। बताया गया है कि अमिलिया थाना अंतर्गत सोन नदी का खड़बड़ा और सेंहुड़ा घाट रेत के अवैध उत्खनन को लेकर काफी सुर्खियों में बना हुआ है।
Illegal excavation takes place in these ghats of Son river in the dark of night:यहां रात के अंधेरे में एक-दो नहीं बल्कि आठ-दस की संख्या में ट्रैक्टर एवं मिनी ट्रक 407 के माध्यम से रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि अमिलिया थाना अंतर्गत जिस पुलिस कर्मी की ड्यूटी रात गस्त में लगती है उन्हीं के संरक्षण में रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन किया जाता है। ट्रैक्टर या मिनी ट्रक वाहन से एक रात का 5 हजार रुपए लिया जाता है। सूत्रों का कहना है कि रात में जिस पुलिस कर्मी की ड्यूटी गस्त में लगती है उसी के इशारे पर रेत का काला कारोबार संचालित होता है। यदि कोई दूसरा पुलिस कर्मी रेत के अवैध परिवहन में लगे वाहन को पकड़ लेता है तो दूसरा पुलिस कर्मी जानकारी पाते ही अपना मोबाईल बंद कर लेता है।
Illegal excavation takes place in these ghats of Son river in the dark of night:कुछ माह पूर्व इसी तरह का मामला सामने आया था। जब बीट प्रभारी ने रेत के अवैध परिवहन में लगे एक ट्रैक्टर को पकड़कर कार्यवाही कर दी। तो जिस पुलिस कर्मी के इशारे पर रेत का अवैध परिवहन चल रहा था वह कन्नी काटता हुआ नजर आया। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि रेत के अवैध कारोबार पर खनिज विभाग, सोन घडिय़ाल एवं पुलिस अमला कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य क्षेत्र से रेत का अवैध कारोबार रोंकने के लिए उसका अमला भी तैनात है। लेकिन वह भी कोई कार्यवाही नहीं करता।
Illegal excavation takes place in these ghats of Son river in the dark of night:सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन कराने एवं छोटे वाहनों से परिवहन कराने में क्षेेत्रीय माफिया ही पूरी तरह से संलिप्त हैं। क्षेत्रीय दबंग होने के कारण सामान्य लोग चाहकर भी इसका विरोध नहीं कर पाते। यदि कोई संबंधित विभागों के अमले को सूचना दे देता है तो उसकी जानकारी भी रेत माफिया को तत्काल हो जाती है। उस दौरान सूचना देने वाले व्यक्ति की शामत आ जाती है। इसी वजह से रेत का अवैध कारोबार रात 10 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक संचालित होने पर भी लोग सामने आकर विरोध करने का साहस नहीं जुटा पाते।
Illegal excavation takes place in these ghats of Son river in the dark of night:क्षेत्रीय रेत माफिया के संरक्षण में ही ट्रैक्टर एवं मिनी ट्रक 407 से सोन नदी के विभिन्न घाटों से अवैध रूप से रेत निकाली जाती है। वाहनों में रेत की लोडिंग करने के लिए माफिया द्वारा स्थानीय श्रमिकों की व्यवस्था भी बनाई जाती है। रात में माफिया के वाहन सोन नदी से लगातार रेत का परिवहन समीपी सुरक्षित स्थानों के लिए करते हैं। सुरक्षित स्थान में पूरी रात अवैध रेत को डंप कराने का सिलसिला जारी रहता है।
Illegal excavation takes place in these ghats of Son river in the dark of night:बाद में डंप किए गए स्थल में बड़े वाहन पहुंचते हैं और उनमें रेत लोड कर दी जाती है। सुविधा शुल्क के चलते बड़े वाहन भी फर्जी टीपी के सहारे रीवा-हनुमना एवं उत्तर प्रदेश की ओर रेत लेकर निकल जाते हैं। सोन नदी की रेत काफी उत्कृष्ट क्वालिटी की होने के कारण इसकी मांग दूर-दूर तक बनी हुई है। इसी वजह से रेत माफिया प्रतिबंधित सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य क्षेत्र से किसी भी तरह से रेत की अवैध निकासी करानें में पूरी मुस्तैदी के साथ जुटे हुए हैं।