वीरेंद्र सिंह सेंगर(बबली)रीवा। आखिरकार पुलिस की गैरत जाग ही गई, आये दिन कहीं न कहीं पुलिस पर दाग लगते रहे और पुलिस सहती चल जा रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज के पुलिस का लचीलापन देख कर चोर, उचक्के भी पुलिस की बेइज्जत में करने मे गुरेज नहीं करते। यहां तक कुछ तो पत्रकारिता का चोला ओढ़कर पुलिस की बेइज्जत करने में अपनी पत्रकारिता समझते हैं, जबकि ऐसे लोगो के पीछे देखा जाये तो इनका व इतिहास ही अपराधियो को संरक्षण देने में लिखा होता है। जुआं, सट्टा, कोरेक्स यहां तक की देह व्यापार को तथाकथित पत्रकार संरक्षण देते है और पुलिस पर पत्रकारिता की धौंस दिखाते क हुए पत्रकारिता को कलंकित करते है। हाल ही में कोतवाली में टीआई के साथ जो घटना हुई उससे पुलिस की छवि काफी धूमिल हुई।
लेकिन पुलिस की छवि धूमिल करने वालों को नसीहत देते हुए अपराध कायम कर लिया है, ऐसा सूत्रों का दावा है। सूत्र बताते है कि एसपी के निर्देश पर तथाकथित पत्रकार कुलदीप सोनी उसकी पत्नी अनुराधा सोनी निवासी पीके स्कूल के पीछे सहित चार अन्य लोगों के विरुद्ध पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने सहित अन्य गंभीर अपराध पर अपराध दर्ज कर लिया है। बताते चले कि कुलदीप सोनी की फोर्ट रोड में ज्वेलर्स की दुकान है जहां अर्पित सोनी और मुकेश सोनी काम करते थे। उन पर कुलदीप सोनी ने 3 किलो 8 सौ ग्राम चांदी की चोरी का आरोप लगाते हुए तीन माह पूर्व एफआईआर दर्ज करवाई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन दिनो कोतवाली टीआई रूपलाल उइके हुआ करते थे। लेकिन इसी बीच कोतवाली की कमान रूपलाल उइके के तबादला होने पर एसपी ने जेपी पटेल को सौंप दी। टीआई जेपी पटेल ने चोरी के संदेहियो को पकड़ने उनके घरों में कई बार दबिस दी। पुलिस की दबिस का परिणाम यह निकला कि सदेही अपनी अग्रिम जमानत हाईकोर्ट से करवा लिये। आश्चर्य की बात यह है कि अपने को पत्रकार बताने वाले कुलदीप सोनी को यह नहीं मालूम की चोरी के अपराध में सात साल से कम की सजा है जो थाना में आकर भी पुलिस के सामने मुस्कराते हुए अपने घर जा सकता है। ऐसे नियम कानून से अनजान तथाकथित पत्रकार पुलिस पर दबाव बनाने कहा जाये या फिर पुलिस की छवि जनता के बीच गिराने की नियत से अपनी पत्नी अनुराधा सोनी के हाथ पूजा की थाली और नारियल, गमछा लेकर कोतवाली पहुंच गये।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इतना नही पूर्व प्रयोजित अपने चार अन्य साथियों के साथ कोतवाली के गेट से वीडियो बनवाने लगे और प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना की दुहाई देते हुए टीआई के आफिस में घुस गये। पत्नी टीआई की आरती उतारने लगी और तथाकथित पत्रकार उनकी पति महोदय टीआई के गले में जबरन गमछा डालते हुए वीडियो बनाने लगे। गनीमत रही की टीआई ने उनकी मंशा को भांप लिया और शांति पूर्वक समझाते हुए थाना से विदा कर दिये। मजे की बात तो यह है कि यह वीडियो जब माननीय हाईकोर्ट तक पहुंचा तो हाईकोर्ट ने भी अपनी टिप्पणी में इसे तथाकथित पत्रकार और उनकी पत्नी द्वारा किये गये कृत्य की निंदा की।