बसपा प्रत्साशी अभिषेक मास्टर बुद्धसेन पटेल ने शिकायत में कहा है कि वह रीवा संसदीय क्षेत्र का बीएसपी से प्रत्याशी है। वैशाली जैन रीवा तहसील हुजूर ग्रामीण एवं नगर की एसडीएम होकर सहायक रिटर्निंग ऑफीसर के पद पर पदस्थ हैं, जिसकी पदस्थापना पंकज जैन आईएएस जो म0प्र0 चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग में उच्च पद पर पदस्थ हैं के द्वारा अपने रीवा के मामले को सुलझाने के लिए अपने पद के प्रभाव से करवाई गई है।
एक मामला मेरी माँ कमला पटेल व पंकज जैन की माँ पद्मप्रभा जैन के मध्य राजस्व न्यायालय रीवा में चल रहा है। पंकज जैन के पिता हेम कुमार जैन ने मेरे पिता बुद्धसेन पटेल से बताया था कि मेरे पुत्र ने ही एसडीएम वैशाली जैन की पोस्टिंग रीवा में करवाया है वह मेरे पक्ष में फैसला करेगी, तुम सहयोग नहीं कर रहे हो तो इसका खामियाजा भुगतोगे, जिसकी शिकायत मेरी माता व पिता ने उच्च अधिकारियों को दिनांक 31/01/2024 को भेजी थी जिसकी छायाप्रति भी दी गई है।
पद्मप्रभा जैन व मेरी माता्र कमला पटेल के मध्य मामला क्र. 222 /अपील/2022.23 वैशाली जैन अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष लंबित था जिसको लेकर वैशाली जैन मेरी माँ को दबाव डाल रही थी कि पंकज जैन की माता के पक्ष में समझौता कर लो अन्यथा मै तो फैसला कर ही दूंगी। जब मेरी माता ने समझौता से इन्कार किया, क्योंकि पद्मप्रभा जैन की कार्यवाही पूर्णरूप से अवैध व फर्जी थी, तब अनुविभागीय अधिकारी वैशाली जैन ने बिना सुनवाई का अवसर दिये, विधि प्रावधानों को ताक पर रखते हुए मनमाने ढंग से उक्त प्रकरण में पद्मप्रभा जैन के पक्ष में आदेश पारित कर दिया। इस प्रकरण की कार्यवाहियों की आदेश पत्रिका सहित आदेश की छायाप्रति संलग्न की जा रही हैए जिसके अवलोकन से कोई भी सामान्य बुद्धि का व्यक्ति निष्कर्ष निकालेगा कि सभी कार्यवाही किसी से प्रेरित होकर मनमाने ढंग से अधिकारों का दुरूपयोग कर की गयी हैं। जिनका संक्षिप्त व्यौरा निम्नानुसार है….
दिनांक 10/01/2024 की आदेश पत्रिका के अनुसार प्रकरण पेण्डिग बस्ते से निकाला गया तथा नोटिस जारी करने का आदेश हुआए अगली तिथि 30/01/2024 नियत की गयी। पर 30/01/2024 के पहले ही दिनांक 23/01/2024 को ही प्रकरण ले लिया गया तथा किसी भी पक्षकार को कोई नोटिस जारी नहीं हुआ। इसी तिथि को प?द्माप्रभा जैन का अर्जेन्ट सुनवाई का आवेदन लेकर मेरी माँ को सूचित किए बगैर उसे एकतरफा रूप से स्वीकार कर लिया गया तथा इसी तिथि को व्यवहार न्यायालय का एक आदेश जिसका महत्व 12 वर्ष की अवधि समाप्त हो जाने केकारणए समाप्त हो चुका था। पद्मप्रभा जैन से साक्ष्य में लेकर बिना सुनवाई के व सीण्पीण्सीण् के आदेश 41 नियम 27 के प्रावधानों के विपरीत ग्राह्य कर लिया गया व सभी कार्यवाहियाँ समाप्त घोषित कर दी गयीं तथा लिखित तर्क के लिए व आदेश के लिए प्रकरण लगा दिया गया तथा दिनांक 23/02/2024 को आदेश पारित कर दिया गयाय जबकि अनुविभागीय अधिकारी ने अपने नोटिस बोर्ड पर सूचना चस्पा करवाई थी कि 23/02/2024 के अपील प्रकरण 01/04/2024 को लिए जायेंगे। नोटिस की छायाप्रति व आदेश पत्रिका की छायाप्रति भी दी गई है।
मेरी माँ कमला पटेल ने दिनांक 18/05/2023 को आपत्ति प्रस्तुत की थी कि पुर्नविलोकन अमान्य किए जाने पर धारा 46 के तहत अपील सुनवाई योग्य ही नहीं हैए पर इस आपत्ति पर कोई विचार किए बिना व इस पर कोई आदेश पारित किए बिना मनमाना आदेश पारित कर दिया। आपत्ति पत्र की छायाप्रति अनुलग्नक श्ठश् संलग्न है तथा इसका विवरण आदेश पत्रिका दिनांक 15/06/2023 में उल्लिखित है। अनुलग्नक श्म्श् के रूप में संलग्न है।
– दिनांक 23/02/2024 में पारित आदेश के अंतिम पेज के प्रथम पैरा में अनुविभागीय अधिकार ने झूठा तथ्य उल्लेखित किया है कि.उभयपक्ष को समुचित सुनवाई का अवसर दिया गया . उभयपक्ष सूचित ही नहीं हुए व उपस्थित भी नहीं हैं तो उन्हें सुनवाई का अवसर कैसे दिया जा सकता है। उभयपक्ष के तर्क सुने गये, जब उभयपक्ष सूचित ही नहीं हैं और न ही उपस्थित हैं तो फिर तर्क किसके सुने गयेघ् लिखित तर्क के लिए आदेश पत्रिका में उल्लेख है। पर प्रकरण में कोई लिखित तर्क न तो संलग्न है न ही प्रस्तुत करने का कहीं उल्लेख है।
दिनांक 02/04/2024 को मेरे द्वारा बीण्एसण्पीण् से नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद वैशाली जैन द्वारा धमकी दी जा रही है कि जैसे तुम्हारी माँ का केश मैने बिगाड़ा है उसी तरह तुम्हें चुनाव में भी हरवा दूंगी तथा अभी भी वक्त है कि तुम तहसीलदार के समक्ष जाकर समझौता कर लोए उन्हें मैने बता दिया है कि क्या करना है।
अनुविभागीय अधिकारी तहसीलदारों व पटवारियों को मेरे विरूद्ध चुनाव प्रचार करने के लिए व मेरे कार्यकर्ताओं पर दबाव डालने के लिए अपने पद का दुरूपयोग कर निर्देशित किया जा रहा है। यदि अनुविभागीय अधिकारी वैशाली जैन को रीवा जिले से नहीं हटाया गया तो निश्चित ही निष्पक्ष निर्वाचन नहीं हो पायेगा तथा मुझे इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।