सीधी. जिले के जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने चार फर्जी शिक्षकों की सेवा तो समाप्त कर दी है लेकिन चिन्हित किए गए आरोपी अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी आरोपियों पर कार्यवाही नहीं की जा रही है। फर्जी ंसंविदा नियुक्ति के मास्टर माइंड पर रामपुर नैकिन पुलिस कृपा बरसाने में कोई कोर-कसर नहीं छोंड़ रही है। दरअसल चर्चित फर्जी संविदा शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सीधी का नियुक्ति समाप्त करने का पत्र मिलते ही जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की। तत्संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा पत्र क्रमांक 11/ज.पं./शिक्षा 2024, दिनांक 2 अप्रैल 2024 को जारी आदेश में कहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी के पत्र एवं उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्रमांक 14753/2018, 11019/2019, 12280/ 2019, 12283/2019, 13035/2019, 13633/2019, 13808/ 2019, 14523/2019 में जारी आदेश के परिपालन में शिक्षा गारंटी केवटान रतवार में पदस्थ किए गए संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 राजेश साहू निवासी ग्राम कोष्टा, शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय रतवार की संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 कुमारी विभा शर्मा निवासी ग्राम गड़हरा राघोभान सिंह, शासकीय प्राथमिक शाला भरतपुर संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 सतीष कुमार पाण्डेय निवासी ग्राम सगौनी, भरतपुर एवं शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय ममदर की संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 दीपा पाण्डेय निवासी ग्राम ममदर को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया जाता है।
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि कमिश्रर रीवा संभाग द्वारा प्रकरण क्रमांक/09/निगरानी/2019-20/ आरसीएमएस/0007/2019-20 में दिनांक 27 मई 2019 को पारित निर्णय में उक्त चारों संविदा शिक्षकों की नियुक्ति को नियमों के विपरीत अवैधानिक मानते हुए तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने का आदेश पारित किया गया था। दरअसल जिले के जनपद पंचायत रामपुर नैकिन में फर्जी शिक्षाकर्मी की भर्ती को रीवा कमिश्रर ने निरस्त कर सभी आरोपियों के खिलाफ रामपुर नैकिन थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया था। किंतु मामले के सभी आरोपी हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत कराकर पुलिस की विवेचना में सहयोग नहीं किया जा रहा था। जिसके कारण 4 साल से पुलिस की विवेचना लटकी हुई है। उक्त शिक्षाकर्मी घोटाले को लेकर जिले के वरिष्ट अधिवक्ता वीरेन्द्र सिंह परिहार के द्वारा उच्च न्यायालय में 14753/2018 याचिका दायर की गई थी। जिसमें हालहि में हाईकोर्ट ने फर्जी तरीके से शिक्षक बने चारों शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त कर दी गई थी और उक्त मामले के सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत निरस्त करते हुए सभी के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। बताया गया है कि जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के तत्कालीन उपाध्यक्ष एवं फर्जी संविदा नियुक्ति मामले के मास्टरमाइंड राकेश पाण्डेय के द्वारा वरिष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से चार युवाओं को फर्जी तरीके से शिक्षाकर्मी बना दिया गया था। जिस पर कमिश्रर रीवा ने उक्त नियुक्तियों को निरस्त करते हुए तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पीआर पड़वार, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी राय सिंह, तत्कालीन शिक्षा अधिकारी रमाशंकर मिश्रा, तत्कालीन बीईओ मानसिंह उइके, लिपिक कुमुद शुक्ला, तत्कालीन जनपद उपाध्यक्ष राकेश पाण्डेय के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज करानें के निर्देश दिए थे। कमिश्रर के निर्देश के बाद एसडीएम चुरहट के द्वारा थाना रामपुर नैकिन में अपराध क्रमांक 0437/2019, अपराध क्रमांक 420, 467, 468, 471, 409, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिसके सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली थी। जिसके कारण पुलिस विवेचना नहीं कर पा रही थी। किंतु अब आरोपियों पर कार्यवाही के निर्देश हाई कोर्ट द्वारा ही दिए जा चुके हैं। जिससे पुलिस को तत्परतापूर्वक गिरफ्तारी करनी चाहिए।
फर्जी संविदा शिक्षक नियुक्ति मामले में कई स्तर की जांच एवं न्यायालयों में सुनवाई के पश्चात यह अब पूरी तरह से साफ हो चुका है कि सुनियोजित तरीके से इसको मास्टरमाइंड तत्कालीन जनपद उपाध्यक्ष राकेश पाण्डेय द्वारा कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सांठ-गांठ से अंजाम दिया गया था। कार्यवाही से बचने के लिए आरोपियों द्वारा हाईकोर्ट का सहारा लेकर मामलेे को करीब 4 वर्ष तक लटकाया गया। हाईकोर्ट से आरोपियों को अग्रिम जमानत मिलने पर रामपुर नैकिन थाना पुलिस द्वारा भी इसे ठंडे बस्ते में ही कैद करके रखा गया है। अब हाईकोर्ट से भी स्पष्ट आदेश हो चुका है कि फर्जी संविदा शिक्षक नियुक्ति के मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। ऐसे में अब रामपुर नैकिन थाना पुलिस को दर्ज आपराधिक मामले में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करनी चाहिए जिससे इस तरह की धोखाधड़ी एवं कूटरचना कर आगे कोई भी व्यक्ति अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी नियुक्ति करने से बचें। पुलिस द्वारा अभी तक इस मामले में कोई भी सक्रियता नहीं प्रदर्शित की जा रही है।